नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।
बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई CCS की बैठक में भारत की ओर से पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला किया गया। इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय आगे की कार्रवाई करेगा।
उन्होंने बताया कि बैठक में पुलवामा आतंकवादी हमले के कारण उत्पन्न वास्तविक स्थिति का आकलन किया गया और इस बारे में गहन विचार विमर्श किया गया।
जेटली ने बताया कि बैठक में यह तय किया गया कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण रूप से अलग-थलग करने के लिये कूटनीतिक पहल आरंभ करेगा।
उन्होंने कहा कि साथ ही संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के विषय पर अंतरराष्ट्रीय संधि को अमलीजामा पहनाने के विषय पर पहल करना तय हुआ है। यह विषय आतंकवाद की परिभाषा को लेकर एकराय नहीं बन पाने के कारण अटका हुआ है। विदेश मंत्रालय इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ चर्चा करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के संबंध में सुरक्षा बल सभी संभव कदम उठाएंगे। इसमें सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ जिन लोगों ने यह अपराध (सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमला) किया है और जिन लोगों ने उसमें सक्रिय समर्थन दिया है...'उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।'
उन्होंने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह थोड़ी देर में श्रीनगर जा रहे हैं, उनके साथ कुछ अधिकारी भी जा रहे हैं। गृह मंत्री संभवत: शनिवार को लौट आयेंगे। इसके बाद सभी राजनीति दलों के साथ चर्चा करेंगे।
जेटली ने बताया कि सीसीएस की बैठक में गुरुवार को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले की घटना का आकलन किया गया। यह विचार किया गया कि क्या क्या कदम उठाना चाहिए? वित्त मंत्री ने कहा कि बैठक में शहीदों के सम्मान में एक श्रद्धांजलि प्रस्ताव पारित किया गया और कुछ पल क मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने कहा कि शहीदों का पार्थिव शरीर उनके परिजनों तक पहुंचाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेना अध्यक्ष और सीआरपीएफ के डीजी भी शामिल हुए हैं।
गौरतलब है कि पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। (भाषा)