भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पूर्वजों ने भारतीयों को आजादी दिलाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और यह देश के नागरिकों का कर्तव्य है कि वे ऐसी गतिविधियों को स्वीकार न करें। मोदी ने कहा कि मैं देश को एक ऐसी चिंता से आगाह करना चाहता हूं जो एक संकट के रूप में उभर रही है। एक पूर्व-नियोजित साजिश के तहत, देश की जनसांख्यिकी को बदला जा रहा है। एक नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए एक उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकीय मिशन शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने घोषणा की, लालकिले की प्राचीर से, मैं कहना चाहता हूँ कि हमने एक उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकीय मिशन शुरू करने का फैसला किया है। यह मिशन इस गंभीर संकट से निपटेगा और एक निश्चित समय-सीमा में हमारे देश पर मंडरा रहे संकट का समाधान करेगा। हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
मोदी ने चेतावनी दी कि जब जनसांख्यिकीय परिवर्तन होते हैं, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में, तो वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संकट पैदा करते हैं। मोदी ने जोर देकर कहा कि यह हमारी एकता, अखंडता और प्रगति के लिए भी संकट पैदा करता है। यह सामाजिक तनाव के बीज बोता है। दुनिया का कोई भी देश खुद को घुसपैठियों के हवाले नहीं कर सकता, तो फिर हम भारत को उनके हवाले कैसे कर सकते हैं।