नई दिल्ली। सेना के शीर्ष कमांडरों ने 13 लाख जवानों वाली फौज में बड़े सुधारों के लिए एक व्यापक योजना को मंजूरी दी है जिसमें उसके अधिकारी कैडर का पुनर्निर्माण, महत्वपूर्ण कमानों की आयु कम करना, बढ़ते राजस्व व्यय को रोकना और बल की संख्या दुरुस्त करना शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि काफी समय से लंबित सुधारों को मंजूरी देने का फैसला सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में लिया गया। यह शीर्षस्तरीय सम्मेलन साल में 2 बार होता है जिसमें प्रमुख नीतिगत मामलों और अभियान संबंधी विषयों पर चर्चा होती है। सेना के सूत्रों ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सुधारों को लागू किया जाएगा।
सप्ताहभर चलने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत कर रहे हैं जिसकी शुरुआत 9 अक्टूबर को हुई थी। सम्मेलन में अभियान और आंतरिक प्रशासनिक मुद्दों के अलावा देश के सामने मौजूद विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
सेना मुख्यालय ने बल की कार्यक्षमता का विस्तार करने, बजट खर्च कम करने, आधुनिकीकरण करने और आकांक्षाओं पर ध्यान देने के समग्र उद्देश्य से 4 अध्ययन किए थे। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि कमांडरों के सम्मेलन में यह निष्कर्ष निकला कि अध्ययनों को चरणबद्ध तरीके से क्रमिक रूप में अपनाया जाएगा। (भाषा)