जम्मू। भारतीय सेना से बार-बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तानी सैनिकों ने एक बार फिर उड़ी सेक्टर में नियंत्रण रेखा से सटी भारतीय चौकियों को निशाना बनाते हुए गोलाबारी की। इस गोलाबारी में एक भारतीय जवान के शहीद होने की सूचना है। वहीं भारतीय जवानों ने भी अपने साथी की शहादत का बदला देते हुए पाकिस्तानी चौकियों पर जमकर गोले बरसाए। जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की कई अग्रिम निगरानी चौकियों को तबाह कर दिया, जबकि दर्जनभर पाक सैनिकों के मारे जाने की सूचना है।
उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर बीते 48 घंटों से व्याप्त खामोशी बुधवार को पाकिस्तानी सेना द्वारा उड़ी सेक्टर में जंगबंदी के उल्लंघन के साथ भंग हो गई। पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत के अग्रिम सैन्य व नागरिक ठिकानों पर की जा रही गोलाबारी का जवाब देते हुए एक जवान शहीद हो गया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना की 2 निगरानी चौकियों के पूरी तरह तबाह होने व उसमें मौजूद दर्जनभर सैनिकों के मारे जाने की सूचना है। अलबत्ता, पाकिस्तानी सेना को पहुंचे नुकसान की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है।
उड़ी स्थित सैन्य सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने आज सुबह 11.30 बजे एलओसी के साथ सटे सिलीकोट इलाके में भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों को निशाना बनाते हुए गोलाबारी शुरू कर दी। शुरू में तो भारतीय जवानों ने पूरा संयम बनाए रखा और इसे महज उकसावे और घुसपैठियों के लिए कवर फायर मानते हुए अग्रिम नाका पार्टियों को सचेत रहने को कहा। कुछ ही देर में पाकिस्तानी सेना द्वारा दागे जाने वाले मोर्टार व तोप के गोले सिलीकोट के साथ सटे हथलंगा, नांबला व उसके साथ सटे गांवों व अग्रिम चौकियों पर भी गिरने लगे। इस पर भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी और दोनों तरफ से भीषण गोलाबारी शुरू हो गई।
सिलीकोट में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी से निपटते हुए एक जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उसे उपचार के लिए निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे शहीद लाया करार दे दिया। उसकी पहचान 18 मराठा लाइट इंफेंट्री के नायक ब्रजेश के रूप में हुई है। संबधित सूत्रों ने बताया कि भारतीय जवानों ने सिलीकूट के सामने उस कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की 2 अग्रिम निगरानी चौकियों को पूरी तरह उड़ा दिया है।
पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी से पैदा हुए हालात के मद्देनजर प्रशासन ने उड़ी सेक्टर में सिलीकोट, नांबला, हथलंगा व उसके साथ सटे इलाकों से करीब 2 दर्जन लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। इसके साथ ही अग्रिम बस्तियों में रहने वाले सभी लोगों को गोलाबारी के पूरी तरह शांत होने तक अनावश्यक रूप से अपने घरों से बाहर पाकिस्तानी सेना की सीधी रेंज में आने वाले खुले स्थानों में न जाने की सलाह दी गई है।
सैन्य प्रशासन ने उड़ी सेक्टर में ही नहीं पूरे उत्तरी कश्मीर में नौगाम, टंगडार, केरन, करनाह, कंजलवान, गुरेज, तुलैल में सभी अग्रिम चौकियों पर तैनात अधिकारियों व जवानों को पूरी तरह सचेत रहने और दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने का निर्देश दिया है।