कराची/नई दिल्ली। दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन दरगाह के दो लापता भारतीय उलेमा का पाकिस्तान में पता चल गया है और वे कराची पहुंच गए हैं। नई दिल्ली में एक सूत्र ने बताया, 'पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है कि दोनों भारतीय उलेमा का पता चल गया है और वे कराची पहुंच गए हैं।'
सूत्रों के अनुसार, 'खुफिया एजेंसी के कर्मियों ने विमान से उतारने के बाद दोनों उलेमा को हिरासत में ले लिया और जांच के लिए उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले गए।' उन्होंने कहा कि दोनों उलेमा को अल्ताफ हुसैन की पार्टी एमक्यूएम के साथ कथित संबंधों के लिए हिरासत में लिया गया। उनके खिलाफ कुछ ना पाए जाने पर उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।
एमक्यूएम पाकिस्तान में 1980 के दशक में सबसे बड़ी जातीय पार्टी के रूप में उभरी थी। सिंध प्रांत के दक्षिणी शहरी इलाकों खासकर कराची, हैदराबाद, मीरपुरखास और सुक्कुर में पार्टी का राजनीतिक वर्चस्व है जहां भारत-पाक बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वाले उर्दू भाषी लोगों की एक बड़ी आबादी रहती है।
आसिफ निजामी 80 साल के हैं और वह हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के सज्जादानशीं हैं। वह अपनी बहन से मिलने 8 मार्च को अपने भतीजे नाजिम अली निजामी के साथ पाकिस्तान गए थे। वे 13 मार्च को कराची पहुंचे और पाकपट्टन में सूफी बाबा फरीद गांग के दरगाह पर जियारत के लिए गए। दोनों 14 मार्च को लाहौर से लापता हो गए। (भाषा)