ऋणशोधन एवं दिवालिया नियमावली अधिसूचित

शुक्रवार, 16 जून 2017 (17:28 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने वित्तीय संकट में फंसे छोटे कारोबारियों और कॉर्पोरेट के लिए ऋणशोधन एवं दिवालिया नियमावली, 2017 को अधिसूचित कर दिया है जिसमें ऐसे मामलों को 3 महीने में निपटाना अनिवार्य हो गया है।
 
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि भारतीय ऋणशोधन एवं दिवालिया  बोर्ड ने कॉर्पोरेट की ऋण एवं दिवालिया की स्थिति से निकलने की प्रक्रिया को तेजी से  चलाने के लिए नियमावली, 2017 जारी कर दी है। इस नियमावली में ऋणी कंपनी या  व्यक्ति के खिलाफ ऋण वसूली और दिवालिया की स्थिति के समाधान की पूरी प्रक्रिया का  ब्योरा दिया गया है।
 
नियमावली, 2017 के अनुसार कंपनी या व्यक्ति के खिलाफ ऋणशोधन एवं दिवालिया की  स्थिति का समाधान संबंधित अधिकारियों को 90 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से करना  होगा। अगर संबंधित अधिकारी संतुष्ट है तो कंपनी या व्यक्ति को 45 दिन का समय  अतिरिक्त रूप से दिया जा सकता है। पहले ऐसे मामलों में 180 दिन का समय लगता था। 
 
ऋणी कंपनी भुगतान के विफल रहने के सबूतों के साथ संबंधित अधिकारी के समक्ष त्वरित  समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकती है। इससे छोटी कंपनियों, स्टार्टअप और 1  करोड़ रुपए से कम का कारोबार करने वाली असूचीबद्ध कंपनियों को लाभ होगा। (वार्ता)

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