भारतीय नर्स को यमन में 2 दिन में फांसी, क्या बच पाएगी जान, क्या है मामला?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 14 जुलाई 2025 (10:02 IST)
भारतीय नर्स को निमिषा प्रिया को यमन में बस 2 दिन बाद ही फांसी दी जाएगी। केरल के पलक्कड़ जिले की 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उन्हें 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई।
बता दें कि यमन की राजधानी सना की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है, जिसकी तारीख 16 जुलाई निर्धारित है। केरल की नर्स निमिषा ने अपने यमन के साझेदार तलाल अब्दो मेहदी की हत्या कर शव के टुकड़े कर पानी की टंकी में फेंकने की बात कबूल की है। यमन के इस्लामी शरीया कानून के तहत मृतक के परिवार की सहमति से ब्लड मनी के माध्यम से माफी मिल सकती है, लेकिन मेहदी के परिवार ने मुआवजा लेने से इनकार किया है।

भारत की 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया हर पल मौत का सामना कर रही हैं। यमन की अदालत ने उन्हें 16 जुलाई को फांसी देने का फैसला किया है। इस बीच केरल सीएम पिनराई विजयन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केरल की नर्स निमिषा की जान बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। वहीं सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस ने भी केंद्र से तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है। जब निमिषा को फांसी के तख्त पर चढ़ाने में महज दो दिन बचे हैं तब क्या उनके पास कोई ऐसा रास्ता है, जिससे उन्हें बचाया जा सकें।

क्यों मिली मौत की सजा : केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली 38 वर्षीय निमिषा प्रिया, साल 2008 में नर्स की नौकरी के लिए यमन गई थीं। वहां निमिषा ने एक क्लिनिक खोला। लेकिन यमन के कानून के तहत, विदेशी को स्थानीय साझेदार रखना अनिवार्य है। इसलिए निमिषा ने एक यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी को अपना साझेदार बनाया। आरोपों के मुताबिक मेहदी ने उसके साथ धोखाधड़ी की, पैसे हड़पे और यहां तक कि उस पर शादी का झूठा दावा भी किया। परिवार की याचिका बताती है कि मेहदी ने निमिषा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। नतीजतन साल 2017 में, निमिषा ने मेहदी को बेहोश कर पासपोर्ट वापस लेने की योजना बनाई पर ड्रग की ओवरडोज से मेहदी की मौत हो गई। घबराहट में निमिषा और उसकी साथी नर्स ने शव के टुकड़े कर उसे पानी की टंकी में फेंक दिया।

निमिषा ने कबूला था जुर्म : यमन की अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, निमिषा प्रिया ने जुलाई 2017 में कथित तौर पर अपने स्थानीय व्यापारिक साझेदार तलाल अब्दो मेहदी को नशीला पदार्थ देकर उसकी हत्या कर दी और एक अन्य नर्स की मदद से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इसके बाद उसने उसके क्षत-विक्षत अंगों को एक अडंरग्राउंड टैंक में फेंक दिया। मेहदी की हत्या का पता चलने के बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और उसने कथित तौर पर अपने एक बयान में हत्या की बात कबूल कर ली। सना की अधीनस्थ अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई है, उसने इस फैसले को यमन की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी, लेकिन उसकी अपील खारिज कर दी गई और मौत की सजा बरकरार रखी गई।

क्या है फांसी से बचने का रास्ता : निमिषा ने फिर यमन के राष्ट्रपति से दया की अपील की, लेकिन उन्होंने उसे माफी देने से इनकार कर दिया। मृतक तलाल अब्दो मेहदी का परिवार हत्या के अपराध को माफ करने के बदले पैसा (ब्लड मनी) लेने को भी तैयार नहीं है। दरअसल निमिषा प्रिया के लिए सभी कानूनी प्रयास किए गए, लेकिन उसके खिलाफ आरोप इतने गंभीर थे कि सभी प्रयास विफल रहे।' लेकिन विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन खासकर उसके गृह राज्य केरल के निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाने के लिए भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। जिस पर आज कोर्ट में भी सुनवाई होनी है। यमन का न्याय इस्लामी शरीया पर आधारित है, वहां “दिया” यानी ब्लड मनी की व्यवस्था लागू है— अगर मृतक का परिवार तय रकम ले ले, तो फिर दोषी को फांसी नहीं दी जाती।
 Edited By: Navin Rangiyal 

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