इस आनलाइन सर्वेक्षण में करीब डेढ़ लाख नागरिकों ने हिस्सा लिया। इसमें कहा गया, ‘यह एक ऐसा क्षेत्र पर जहां नागरिक चाहते हैं कि नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रणालीगत बदलाव के जरिए रेलवे को इन मुद्दों का समाधान करना चाहिए अन्यथा टीटीई द्वारा रिश्वत लेने से संगठन को राजस्व का नुकसान होता रहेगा।’
करीब 17 प्रतिशत नागरिकों ने संकेत दिया कि अंतिम क्षण यात्रा की जरूरत की स्थिति में वे दलाल या एजेंट से संपर्क करते हैं, जबकि अन्य 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे विशेष कोटा के तहत टिकट हासिल करने के लिए रेलवे में किसी सगे संबंधी से संपर्क करना पसंद करेंगे।