गूगल कल्चरल इंस्टीट्यूट और भारतीय रेल संग्रहालय के बीच एक करार हुआ है जिसके तहत प्रथम चरण में रेल संग्रहालय, रेवाड़ी स्थित भाप इंजन कार्यशाला का डिजिटलीकरण करके भारत की ऑनलाइन ऐतिहासिक विरासत के झरोखों में संजोया जाएगा। दूसरे चरण में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका-शिमला खिलौना ट्रेन, ऊटी-नीलगिरि ट्रेन तथा मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के भवन को डिजिटल रूप से संग्रहित किया जाएगा।
रेलवे के सूत्रों के अनुसार, भारतीय रेलवे लगभग 166 साल पुरानी है और रेलवे के अनेक भवन बहुत पुराने एवं भव्य हैं। उनमें से कई इमारतें विरासत की श्रेणी में रखे जाने के योग्य हैं, हालांकि औपचारिक रूप से ऐसा अभी नहीं हुआ है, पर उन्हें भी अगले चरणों में डिजिटलीकरण करके डिजिटल इतिहास में जगह दी जाएगी।
दरअसल, केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और गूगल कल्चरल इंस्टीट्यूट के बीच 2013 में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को डिजिटल रूप से संग्रहित करने का एक करार हुआ था। बाद में कोलकाता संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रहालय आदि अनेक संस्थानों के बीच इस आशय के करारों पर हस्ताक्षर किए गए थे। (वार्ता)