एक हालिया सर्वे में यह खुलासा हुआ है। सर्वे के अनुसार, शिक्षकों ने बताया कि देश में 57 फीसदी छात्र शिक्षित तो हैं, लेकिन उनके पास रोजगार के लिए अपेक्षित तैयारी नहीं है।
इसमें कहा गया है राजधानी में केवल 46 फीसदी शिक्षकों को लगता है कि शिक्षा प्रणाली समग्र शिक्षा प्रदान कर रही है। शिक्षा संबंधी पहल करने वाली एक कंपनी ‘पीयर्सन’ की यह सालाना पहल देश के 527 से अधिक शहरों के उच्च शिक्षा संस्थानों एवं स्कूलों के 5,387 शिक्षकों के विचारों का प्रतिनिधित्व करती है। सर्वे इस साल जुलाई और अगस्त के बीच किया गया।
यह सर्वे का तीसरा संस्करण है। सर्वे के अनुसार, 52 फीसदी शिक्षक मानते हैं कि भारत के शिक्षा मूल्याकंन ढांचे में शिक्षकों तथा अभिभावकों के लिए समग्र शिक्षा के संदर्भ में विशिष्ट कार्य बिंदुओं का अभाव है।
इस सर्वे के मुताबिक, 66 फीसदी से अधिक शिक्षकों ने संस्थानों में कंप्यूटर और इंटरनेट संपर्क के प्रावधान की सिफारिश की। 62 फीसदी शिक्षकों ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में आईसीटी के समायोजन के लिए स्मार्ट बोर्ड्स लगाया जाना प्रमुख जरूरत है। (भाषा)