इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस का मार्च, मोदी ने दी श्रद्धाजलि

सोमवार, 31 अक्टूबर 2016 (07:51 IST)
नई दिल्ली। देश सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 32वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहा है। 31 अक्टूबर 1984 के दिन ही उनकी हत्या कर दी गई थी। इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने पार्टी  मुख्‍यालय से इंदिरा गांधी मेमोरियल तक मार्च निकाला। गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और अहमद पटेल समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता इस मार्च में शामिल हुए। 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री एवं अपनी दादी इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर आज पार्टी मुख्यालय से इंदिरा गांधी स्मृति संग्रहालय तक मार्च निकालकर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा एवं कुछ अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस मुख्यालय 24, अकबर रोड से एक सफदरजंग रोड तक पैदल पहुंचे और श्रीमती गांधी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर इंदिरा गांधी को याद किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर श्रद्धांजिल दी। वहीं सोमवार को ही देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जा रही है। इस दिन को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार को भी श्रद्धांजलि अर्पण की।
 
गौरतलब है कि शक्ति स्थल पर हर साल होने होने वाला स्मरणोत्सव कार्यक्रम इस साल नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि शक्ति स्थल बर्ड फ्लू की वजह से बंद है। खुद कांग्रेस की तरफ से शनिवार (29 अक्टूबर) को इस बात की घोषणा की गई। इंदिरा गांधी की याद में बना शक्ति स्थल पिछले मंगलवार से बंद है। वहां दो बत्तख मरी हुई पाई गई थीं। शक था कि दोनों की मौत पक्षियों से लगने वाला भारी नजले या जुखाम से हुई है।
 
राजधानी में राजघाट के नजदीक शक्ति स्थल से शनिवार को चार कौए मरे मिले थे। इनको मिलाकर संदिग्ध बर्ड फ्लू से मरने वाल पक्षियों की संख्या 77 हो गई थी। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया था कि कौओं के कंकालों से लिए गए नमूनों को भोपाल में हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिसीसेस लेबोरेटरी भेजे दिया गया था। नतीजे दो से तीन दिन में आने की बात कही गई थी।

श्रीमती गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके कुछ अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को हुआ था। वह देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरी ऐसी प्रधानमंत्री थी जो सबसे अधिक समय तक पद पर रही। वह जनवरी 1966 से मार्च 1977 तथा उसके बाद 14 जनवरी 1980 से अपने अंतिम समय तक इस पद पर रहीं। 

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