Indore Temple Accident : बेलेश्वर मंदिर हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत, NDRF रेस्क्यू में जुटी, सेना की भी ली जा सकती है मदद
गुरुवार, 30 मार्च 2023 (22:42 IST)
इंदौर। Indore Temple Accident : बेलेश्वर मंदिर की बावड़ी धसकने की घटना में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई। इंदौर कलेक्टर डॉ. टी. इलैया राजा ने मीडिया को कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस घटना पर शोक जताया है। बचाव कार्य के लिए महू से सेना बुलाने की बात भी चल रही है। अब भी कुछ लोगों के गुमशुदा होने की बात कही जा रही है। इस घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है।
कलेक्टर ने मीडिया को बताया कि पानी निकालने की प्रक्रिया की जा रही है। मुख्यमंत्री लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। हमने सेना के मूवमेंट को लेकर भी बात की है। जगह के लिए एक छोटी टीम भेजी गई है। एनडीआरएफ भी काम कर रही है। खबरों के मुताबिक मंदिर में हवन चल रहा था। इसकी वजह से लोग छज्जे पर बैठे थे। इस दौरान ऊपर की जमीन धंस गई और यह हादसा हो गया।
पीएम ने मुख्यमंत्री से जानकारी : प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया 'इंदौर में हुए हादसे से बेहद आहत हूं। सीएम शिवराज सिंह चौहान जी से स्थिति की जानकारी ली है। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य में तेजी से आगे बढ़ रही है। मेरी प्रार्थना उन सभी प्रभावितों और उनके परिवारों के साथ है।
इंदौर में हुए हादसे में कई लोगों के निधन के समाचार से मुझे गहरा दुःख हुआ है। सभी शोक-संतप्त परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
15 लोग लापता : पीटीआई के मुताबिक स्थानीय लोगों का दावा है कि हादसे के दौरान मंदिर में मौजूद कम से कम 15 लोग अब भी लापता हैं।
स्थानीय निवासी रमेश खत्री ने बताया कि मेरा 11 साल का पोता सोमेश हवन के दौरान मंदिर में था। उसका अब तक पता नहीं चल सका है।
कलेक्टर डॉ. टी. इलैया राजा टी. ने कहा कि गुरुवार दोपहर से शुरू हुआ बचाव अभियान जारी है और बावड़ी का पानी खाली कर लापता लोगों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के लिए नजदीकी सैन्य छावनी, महू से थलसेना का एक दल बुलवाया गया है।
जिलाधिकारी के मुताबिक राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के तहत करीब 20 लोगों को बावड़ी से बाहर निकालकर बचाया गया।
जांच के आदेश : कलेक्टर ने बताया कि मंदिर में हुए हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित करेगा, जहां इस तरह के हादसे होने की आशंका है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इंदौर में हुई दुर्घटना में नागरिकों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद और हृदय विदारक है। उन्होंने कहा कि दु:ख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए तथा घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा चुकी है। चिकित्सा का संपूर्ण व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आई और इस दौरान मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाली गई और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया।
कैसे हुआ हादसा : एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी। स्थानीय निवासियों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था।
हादसे के बाद मंदिर के आस-पास उन चिंतित लोगों की भीड़ जुट गई जिनके परिजन हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे।
पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हादसे की सूचना दिए जाने के बाद भी एक घंटे तक मौके पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची थी।