नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की मौजूदगी में उनकी पत्नी रीना लांबा ने करंज का जलावतरण किया। 'करंज' स्वदेशी पनडुब्बी है, जो 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत तैयार की गई है। कलवरी और खंडेरी के बाद 'करंज' नौसेना की स्कोर्पिन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी है।
करंज 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची, 1565 टन की है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने किया है। ये पनडुब्बी फ्रांस की बडी जहाज निर्माता कंपनी के सहयोग से बनाई जा रही है।
'करंज' टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले करने में सक्षम होने के साथ ही किसी भी तरह की जंग में हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर निकल सकती है। इस पनडुब्बी का ऐंटी-सबमरीन और इंटेलिजेंस दोंनों ही तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। करंज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आ सकती। समुद्र के नीचे ही नहीं बल्कि इससे जमीन पर भी आसानी से सटीक निशाना साधा जा सकता है।