हिंदी फिल्मों के बेहतरीन अभिनेता इरफान खान का बुधवार को निधन हो गया। अब उनके पीछे उनकी पत्नी सुतापा सिकदर और दो बेटे रह गए हैं।
इरफान ने सुतापा से लव मैरिज की थी। दोनों की यह प्रेम कहानी भी बेहद दिलचस्प है। जानकर हैरानी होगी कि दो अलग-अलग धर्मों के होने के बावजूद दोनों न सिर्फ शादी की, बल्कि लंबे समय तक वे लिव इन रिलेशनशिप में भी रहे। हालांकि जिस दौर की यह बात है उस वक्त कोई लिव इन रिलेशन के बारे में कोई जानता भी नहीं था।
इरफान खान को फिल्मों में अपना कॅरियर बनाना था, इसलिए वे जयपुर से दिल्ली एनएसडी यानी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा चले आए। जबकि सुतापा सिकदर ने भी यहां एडमिशन लिया था। दोनों की एनएसडी में ही मुलाकात हुई। इरफान की थोड़ी झिझक लेकिन फिर भी गर्विली छवि सुतापा को बहुत भाती थी। दोनों फिल्मों को लेकर बातें करते थे। इसलिए दोनों के बीच दोस्ती हो गई।
इरफान अपने साक्षात्कारों में कहते थे कि जयपुर से बाहर निकलने के बाद पहली बार उन्हें पता चला कि लड़कियां भी पुरुषों की अच्छी दोस्त हो सकती हैं। धीरे- धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई। इरफान फिल्में देखना बहुत पसंद करते थे, वे फोकस थे कि उन्हें एक्टर ही बनना है, जबकि सुतापा थिएटर टीचर बनना चाहती थी।
एक बार इरफान सुतापा को गंगा-जमना फिल्म दिखाने ले गए थे। लेकिन सुतापा को यह फिल्म बिल्कुल पसंद नहीं आई थी क्योंकि तब वे बांग्ला फिल्में देखती थी। उन्हें सत्यजीत रे की फिल्में अच्छी लगती थी। अब तो सुतापा गोविंदा को बेहतरीन एक्टर कहती है और उनकी फिल्में देखती हैं। सलमान की दबंग भी उनकी फैवरेट फिल्म है।
इस तरह दोनों के बीच नजदीकियां आईं और वे लंबे समय तक एक दूसरे को डेट करते रहे और फिर कई सालों तक लिव इन में रहे।
इरफान का सुतापा के घर भी आना जाना था, हालांकि घर वालों ने कभी नहीं पूछा कि वे कब शादी करेंगे, करेंगे भी या नहीं।
जब बात आगे बढ़ी तो इरफान ने सुतापा को यह तक कह डाला था कि अगर वे कहेंगी तो उनके लिए वे अपना धर्म भी परिवर्तन कर लेंगे। लेकिन सुतापा और उनकी मां हालांकि इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते थे। बावजूद इसके कि सुतापा बांग्ला परिवार से थी।
जल्द ही दोनों ने शादी कर ली। इस दौरान इरफान का फिल्मों के लिए संघर्ष भी जारी रहा। सुतापा ने इस स्ट्रगल में इरफान का काफी साथ दिया। बाद में टीवी सीरियल्स और फिल्मों में काम मिलने के चलते इरफान स्थापित होने लगे। हासिल, मकबूल और फिर पानसिंह तोमर जैसी फिल्मों ने इरफान को कभी न अस्त होने वाला सितारा बना दिया।