क्या साइको किलर है आफताब और क्या कहते हैं मनोरोग विशेषज्ञ?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 19 नवंबर 2022 (19:30 IST)
क्या कोई व्यक्ति जिससे वह प्यार करता हो उसे बेरहमी से मारकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर जंगल में जगह-जगह फेंक सकता है? दरअसल, श्रद्धा हत्याकांड के बारे में जिसने भी सुना उसका दिल दहल गया। श्रद्धा की उसी के प्रेमी आफताब ने बेरहमी से हत्या कर दी। उसके शरीर के 18 से 20 टुकड़े कर दिए। पहले 35 टुकड़े करने की खबर भी आ रही थी।
 
आफताब के बारे में यह भी कहा गया है कि एक तरफ फ्रिज में श्रद्धा के शव के टुकड़े रखे थे, वहीं दूसरी ओर वह एक अन्य लड़की के साथ इश्क फरमा रहा था। आफताब डेटिंग ऐप के जरिए लड़कियों को अपने जाल में फंसाता था। दिल्ली पुलिस को शक है कि श्रद्धा का लिव इन पार्टनर आफताब साइको किलर हो सकता है। हालांकि पुलिस की जांच अभी जारी है और उसमें नित नए खुलासे हो रहे हैं। 
क्या कहते हैं मनोरोग विशेषज्ञ : मध्यप्रदेश के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. रामगुलाम राजदान का मानना है कि इस तरह के लोग सेडिस्टिक यानी परपीड़क होते हैं, जिन्हें दूसरों को तकलीफ पहुंचाने में आनंद आता है। संभवत: इसी विकृत मानसिकता के चलते आफताब ने सुनियोजित तरीके से इस क्रूर घटना को अंजाम दिया।
आफताब जैसे व्यक्ति समाज में अन्य लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। उसकी विकृत मानसिकता के लिए बदलता समाज और उसकी सामाजिक स्थिति भी जिम्मेदार हो सकती है। डॉ. राजदान वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि खासकर लड़कियों को इस बात को समझना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति यदि प्यार दर्शा रहा है, जरूरी नहीं कि वह उनसे प्यार करता ही है। वह झांसे में लेकर उनको नुकसान भी पहुंचा सकता है। 
 
डॉ. राजदान ने कहा लड़कियां बहुत भावुक होती हैं। वे जल्दी ही बहलाने-फुसलाने में आ जाती हैं। लेकिन, उन्हें पुरानी घटनाओं से सबक लेना चाहिए। गलत व्यक्ति के चक्कर में पड़कर अपनी जान दांव पर न लगाएं। ऐसा जीना ही क्या जिससे जीवन ही न रहे। 
  
क्या गच्चा खा गए राहुल गांधी? : महाराष्ट्र में विनायक दामोदर सावरकर का मुद्दा उछालकर राहुल गांधी ने कहीं न कहीं राजनीतिक अदूरदर्शिता का ही परिचय दिया है। इससे न सिर्फ भारत जोड़ो यात्रा को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में भी दरार आ सकती है। क्योंकि जिन सावरकर की राहुल ने आलोचना की है, उनके लिए शिवसेना भारत रत्न देने की मांग करती रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और सांसद संजय राउत ने भी राहुल के बयान पर असहमति जताई है। राउत ने कहा कि सावरकर हमारे हीरो हैं।
वहीं, भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि अगर राहुल ने सावरकर पर बोलना बंद नहीं किया तो उनका अलग ढंग से स्वागत कर देंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‍डा ने भी राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा राहुल को भारत जोड़ो से ज्यादा कांग्रेस पार्टी को जोड़ने की जरूरत है।
 
दरअसल, सावरकर की आलोचना का कोई औचित्य ही नहीं था। न ही ऐसा कोई अवसर था कि सावरकर के बारे में चर्चा की जाए। साथ ही राहुल ने जो भी कहा उसमें नया कुछ भी नहीं। दूसरी ओर सावरकर को महाराष्ट्र में लोग पसंद करते हैं। इनमें ऐसे लोग भी हैं जिनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी कोई लेना-देना नहीं है। यदि राहुल गांधी ने सावरकर पर बयान सोच-समझकर दिया है, तो सभी को उसके परिणाम का इंतजार करना चाहिए। अन्यथा राहुल का यह बयान 'सेल्फ गोल' की तरह ही साबित होने वाला है। 
 
गुजरात में सभी पार्टियों ने झोंकी ताकत : गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक ‍दी है। भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‍डा, यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मप्र के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह समेत कई दिग्गज नेता और मंत्री मोर्चा संभाले हुए हैं, आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत दिखा रही है। 
 
राहुल गांधी भी भारत जोड़ो यात्रा से 2 दिन का ब्रेक लेकर गुजरात पहुंच रहे हैं। हालांकि इस चुनाव में ड्रामेबाजी भी कम नहीं हो रही है। सूरत पूर्व सीट से जिस उम्मीदवार कंचन जरीवाला के अपहरण का भाजपा पर आरोप आप ने लगाया, वही प्रत्याशी अपना नामांकन वापस लेने के लिए चुनाव कार्यालय पहुंच गया। राजनीतिक जानकारों की मानें तो आप की मौजूदगी भाजपा को ही फायदा पहुंचाएगी। क्योंकि भाजपा से असंतुष्ट मतदाताओं के जो वोट कांग्रेस को मिल सकते थे, वे आप की झोली में भी जा सकते हैं। 
एआईएमआई नेता ओवैसी भी कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाएंगे। ऐसे में भाजपा की सीटें पिछली बार की तुलना में बढ़ भी सकती हैं। क्योंकि गुजरात की करीब 3 दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां पिछले चुनाव में हार का अंतर 5 हजार से भी कम रहा था। इन सीटों पर यदि भाजपा विरोधी वोट आप और एआईएमआईएम को मिल गए तो कांग्रेस का नुकसान होना तय है। इसमें कोई संदेह नहीं कि दिल्ली और पंजाब में 'क्लीन स्वीप' करने वाली आप आने वाले समय में गुजरात में भी एक बड़ा राजनीतिक विकल्प बन सकती है। कांग्रेस के लिए पंजाब की तरह गुजरात में भी खतरे की घंटी सुनाई दे रही है।   
 
खबर संक्षेप-

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