मुख्य अतिथि के रूप में यहां भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के 15वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए सिवन ने कहा कि 1960 के दशक में भारत जैसे देश में अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करना एक सनक भरा विचार था, लेकिन डॉ. विक्रम साराभाई ने भारत के परिवर्तन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को देख लिया था।
उन्होंने कहा कि हालांकि पिछली आधी सदी में जो भी प्रगति हुई है, उसके बावजूद गरीबी दूर करने, स्वास्थ्य सेवाओं तक गरीबों की पहुंच आदि जैसी कई समस्याएं दूर की जानी बाकी हैं। सिवन ने कहा, यहां से पढ़ाई पूरी कर बाहर निकल रहे विद्यार्थियों से मेरी अपील है कि हमारे देश के समक्ष इस तरह की जो भी समस्याएं हैं, उन्हें वे बड़ी शिद्दत से दूर करने की दिशा में काम करें।