ISRO अंतरिक्ष में 75 टन भार ले जाने वाले रॉकेट पर कर रहा काम, पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने में होगा सक्षम

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 19 अगस्त 2025 (17:48 IST)
ISRO News: इसरो (ISRO) प्रमुख वी. नारायणन (V. Narayanan) ने मंगलवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी एक ऐसे रॉकेट (rocket) पर काम कर रही है जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत जितनी होगी और जो 75,000 किलोग्राम भार वाले 'पेलोड' को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा। उस्मानिया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नारायणन ने कहा कि इस वर्ष इसरो ने कई महत्वपूर्ण मिशन तय किए हैं जिनमें 'नेविगेशन विद इंडिया कॉन्स्टेलेशन सिस्टम' (SAVIC)) सैटेलाइट, एन1 रॉकेट और भारतीय रॉकेटों के जरिए अमेरिका के 6,500 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह को कक्षा में स्थापित करना शामिल है।ALSO READ: ISRO के 10 उपग्रह निरंतर निगरानी कर रहे, 2040 तक देश का पहला अंतरिक्ष स्टेशन होगा स्थापित
 
75,000 किलोग्राम भार ले जाने वाले रॉकेट की कल्पना : उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि रॉकेट की क्षमता क्या है? उन्होंने कहा कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा निर्मित पहला प्रक्षेपक 17 टन का था, जो केवल 35 किलोग्राम भार को निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित कर सकता था। आज हम 75,000 किलोग्राम भार ले जाने वाले रॉकेट की कल्पना कर रहे हैं जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत जितनी होगी।ALSO READ: ISRO ने उपग्रहों के लिए स्टेशनरी प्लाज्मा थ्रस्टर का 1 हजार घंटे का जीवनकाल परीक्षण सफलतापूर्वक किया पूरा
 
भारत के 55 उपग्रह अंतरिक्ष में सक्रिय : उन्होंने बताया कि इसरो इस वर्ष 'टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन सैटेलाइट' (टीडीएस) और जीसैट-7आर (भारतीय नौसेना के लिए विशेष संचार उपग्रह) सहित कई उपग्रहों का प्रक्षेपण करने जा रहा है।ALSO READ: Chandrayaan-3 को लेकर ISRO का बड़ा खुलासा, क्या सच होगा आशियाने का सपना

नारायणन ने कहा कि फिलहाल भारत के 55 उपग्रह अंतरिक्ष में सक्रिय हैं और आने वाले 3 से 4 वर्षों में यह संख्या 3 गुना बढ़ाई जाएगी। इस अवसर पर तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनके अहम योगदान के लिए विज्ञान में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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