Jagdeep Dhankhar resigns from post of Vice President: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पूरे दिन सदन की कार्यवाही में भाग लेते हैं और रात आते-आते अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे की घोषणा कर देते हैं। धनखड़ के इस फैसले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफे की घोषणा की है। यदि ऐसा था तो वे कुछ समय पहले भी इस तरह की घोषणा कर सकते थे। इसके लिए मानसून सत्र का पहला दिन ही क्यों चुना? इस बीच, राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
यह पूरी सरकार पर सवाल : राजद नेता मनोज झा ने धनखड़ के इस्तीफे पर कहा कि स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है। मुझे इस सरकार की कुछ चीजें जो बेहद परेशान करती है कि गैर पारदर्शिता इनकी पहचान बन गई है। कोई निर्णय क्यों होता है? कोई बीच कार्यकाल में अपना इस्तीफा देते हैं, ये पूरी सरकार पर प्रश्न है। अभी तक प्रधानमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है कि नहीं ये भी चिंता का विषय है।
धनखड़ का राजनीतिक सफर : जगदीप धनखड़ की उम्र 74 साल है। उन्होंने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था। इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे थे। उस दौरान ममता सरकार के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण रहे थे। राज्यसभा में भी विपक्ष उनके पर भेदभाव के आरोप लगाता रहा है। धनखड़ ने अपना राजनीतिक सफर जनता दल से शुरू किया।
1989 में वे झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए।
1990-1991 में वे तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में संसदीय कार्य राज्यमंत्री रहे। 2003 में वह भाजपा में शामिल हो गए। जुलाई 2019 में, उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया और 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।