जयराम रमेश ने CEC को लिखा पत्र, VVPAT पर क्या चाहता है I.N.D.I.A गठबंधन
मंगलवार, 2 जनवरी 2024 (12:40 IST)
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के नेताओं की एक टीम को वीवीपीएटी पर उनका दृष्टिकोण रखने के लिए उनसे और उनके सहयोगियों से मिलने का अवसर प्रदान किया जाए।
कुमार को लिखे पत्र में रमेश ने कहा कि 20 दिसंबर, 2023 को इंडिया के घटक दलों के नेताओं ने हाल में आयोजित गठबंधन के नेताओं की एक दिन पहले हुई बैठक में पारित एक प्रस्ताव के आधार पर वीवीपीएटी के उपयोग पर चर्चा करने और सुझाव देने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से समय देने का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा कि हम इस प्रस्ताव की एक प्रति सौंपने और चर्चा करने के लिए ईसीआई से मिलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है।
Congress General Secretary in Charge of Communications Shri @Jairam_Ramesh has sent a letter to the ECI, seeking an appointment to meet the delegation of INDIA leaders to discuss the issue of VVPAT. pic.twitter.com/i2tLmFBJPK
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं एक बार फिर अनुरोध करता हूं कि इंडिया गठबंधन के नेताओं की 3-4 सदस्यीय टीम को आपसे और आपके सहयोगियों से मिलने तथा वीवीपीएटी पर अपना दृष्टिकोण रखने के लिए कुछ मिनट का समय देने का अवसर दिया जाए।
30 दिसंबर 2023 को लिखे अपने पत्र में यह भी बताया कि 9 अगस्त 2023 को इंडिया के घटकों की ईवीएम संबंधी चिंताओं पर ईसीआई को एक ज्ञापन सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि पिछले साल 9, 10, 16, 18 और 23 अगस्त को ईसीआई के साथ विपक्षी गठबंधन (इंडिया) के प्रतिनिधिमंडल की बैठक के लिए कई बार अनुरोध किए गए।
उन्होंने कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद हालांकि इंडिया के घटक दलों के प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय या सुनवाई का मौका नहीं दिया गया।
रमेश ने बताया कि दो अक्टूबर, 2023 को हमारे द्वारा वकील के माध्यम से एक और प्रतिवेदन भेजा गया था। उन्होंने कहा कि प्रतिवेदन ने विशिष्ट चिंताएं उठाईं, जिनका ईसीआई के 23 अगस्त, 2023 के स्पष्टीकरण में समाधान नहीं किया गया।
रमेश का पत्र विपक्षी गठबंधन इंडिया के इस दावे के कुछ दिनों बाद आया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की कार्यप्रणाली के निर्विवाद होने को लेकर कई संदेह हैं और सुझाव दिया कि वीवीपीएटी पर्चियां मतदाताओं को सौंपी जाएं और इसकी 100 प्रतिशत गिनती बाद में की जाए।
कई विपक्षी दलों के नेताओं ने, खासकर राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की हालिया जीत के बाद, ईवीएम के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया, और महसूस किया कि पूरे विपक्षी गठबंधन को इस मामले को एकजुट होकर लोगों के सामने उठाना चाहिए।