जम्मू-कश्मीर के बारे में नजरिया बदलने की जरूरत : जितेंद्र सिंह

बुधवार, 27 सितम्बर 2017 (17:29 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में नजरिया बदलने की जरूरत है, क्योंकि कश्मीर मुद्दे जैसी कोई बात ही नहीं है और चर्चा इस बात पर होनी चाहिए कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को कैसे वापस हासिल किया जाए।
 

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों और शहीद हुए सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फय्याज को मंगलवार को यहां चित्रमय श्रद्धांजलि देने के बाद यह बात कही। कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट फय्याज के फेसबुक पेज, सेना के उनके प्रशिक्षण वाले दिनों के पत्रों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के शहीद अधिकारी मोहम्मद अय्यूब पंडित, फिरोज अहमद डार और अन्यों की तस्वीरें लगाई गई थीं।
 
सिंह ने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए जम्मू-कश्मीर के बारे में नजरिया बदलने की जरूरत है। हमें एजेंडा बदलना पड़ेगा। कश्मीर मुद्दा जैसा कोई मुद्दा नहीं है। यह उत्तरप्रदेश, बिहार या अन्य किसी भी राज्य की तरह भारत का ही हिस्सा है। 
 
उन्होंने कहा कि अगर कोई मुद्दा है तो वह है कि कैसे कश्मीर के उस हिस्से को वापस हासिल किया जाए, जो पिछले 70 वर्षों से पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है और घाटी को उसी रूप में बहाल किया जाए, जैसा कि महाराजा हरिसिंह ने सौंपी थी। उन्होंने घाटी में विकास लाने व खासतौर से चरमपंथी ताकतों के सफाए में केंद्र सरकार के सक्रिय उपायों का जिक्र किया।
 
सिंह ने कहा कि सीमा पर रहने वाले लोगों ने हमसे सीमापार से हो रही गोलीबारी के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के लिए कहा है। हमने अपनी सेनाओं को भरोसा और सीमा पर कार्रवाई करने की आजादी दी है। 
 
उन्होंने कहा कि हम कई आतंकवादियों का खात्मा करने और घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने में सक्षम है। घाटी में आतंकवाद के वित्तपोषण पर हमारी कार्रवाई राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की ओर एक अन्य कदम है। कश्मीर पर सही तरीके से न निपटने का पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि मोदी सरकार लोगों के लिए उम्मीद की एकमात्र किरण है।
 
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और अलगाववाद से निपटने के मामले में केंद्र और राज्य सरकार का रुख एक जैसा ही है। राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन के खिलाफ उठाए जा रहे सवालों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा गठबंधन बनाना साहसी निर्णय था तथा हमें राज्य के व्यापक हित में अपने कई मुद्दों को छोड़ना पड़ा था। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेशों में पहुंच बढ़ाना केंद्र की मौजूदा सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
 
घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बनाना जरूरी है कि समुदाय के लोग अपनी मर्जी से वापस लौटे। कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सांसद तरुण विजय ने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले नागरिकों, पुलिसकर्मियों और सैनिकों के बलिदान को सलाम किया। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में इस साल 9 मई को आतंकवादियों ने राजपुताना राइफल्स के सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट फय्याज का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी।
 
श्रीनगर के पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद अय्यूब पंडित की 22 जून को नौहट्टा में जामिया मस्जिद के बाहर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी जबकि उपनिरीक्षक फिरोज अहमद डार की 16 जून को अनंतनाग में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी