जेएनयू के छात्र की मौत का मामला बुधवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जोर शोर से उठाया। सदस्यों ने छात्र की मौत के मामले की व्यापक जांच की मांग की। शून्य काल के दौरान राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आखिर दलित छात्रों के साथ भेदभाव क्यों हो रहा है।
कई सदस्यों ने उनकी इस बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मुथुकृष्णन ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले को जोर -शोर से उठाया था और उसने हाल ही में अपने फेसबुक पोस्ट पर यह भी लिखा था कि जेएनयू में दलित वर्ग के छात्रों को प्रवेश देने के मामले में भेदभाव किया जाता है।
सीतारमण ने इसके जवाब में कहा कि यह एक संवदेनशीन मामला है। मैंने मुथुकृष्णन के परिजनों से मुलाकात की है। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहती हूं कि पुलिस को इस मामले में दोपहर 12 बजे तक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। मुथुकृष्णन का शव 13 मार्च को होली के दिन मुनिरका स्थित उसके दोस्त के अवास पर पंखे से लटका पाया गया था। उसके पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। (वार्ता)