उनकी यह टिप्पणी इंटरनेट पर एक वीडियो सामने आने के बाद आई है, जिसमें जेएनयूएसयू के उपाध्यक्ष साकेत मून को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग करते हुए दिखाया गया है।
जेएनयूएसयू ने बाबरी मस्जिद विध्वंस और बी. आर. आंबेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर सोमवार रात को एक सद्भावना मार्च का आयोजन किया था। एक वीडियो में मून को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, …मुआवजा दिया जाना चाहिए। यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस गलत था और इसका पुनर्निर्माण होना चाहिए।
इस वीडियो के सामने आने के बाद मून के बयान की विभिन्न तबकों से आलोचना हो रही है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि जो लोग बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की बात करते हैं, वे जहरीली सोच वाले हैं।
हालांकि, जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने ट्वीट किया कि हमारे भाषणों को तोड़ने-मरोड़ने से यह तथ्य नहीं बदलने वाला है कि दक्षिणपंथी ताकतों आरएसएस/भाजपा/विहिप ने इस देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर हमला किया है। जेएनयूएसयू ऐसी कट्टरपंथी ताकतों का विरोध करता रहेगा, जो देश में या और कहीं भी सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ती हैं।
हालांकि, मून ने ट्विटर पर दावा किया कि उनके भाषण का एक हिस्सा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के दावों के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों द्वारा साझा किया जा रहा है जबकि भाषण का पूरा वीडियो सबकुछ स्पष्ट करता है।