विजयवर्गीय ने कहा कि राम मंदिर मामले में अध्यादेश लाए जाने को लेकर अभी जल्दबाजी की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस मसले के समाधान के लिए अन्य विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय में राम मंदिर मामले की सुनवाई होने वाली है। देखते हैं कि वहां क्या निर्णय होता है। इसके अलावा दोनों पक्ष आपस में बात कर इस मसले को सुलझा सकते हैं।
भाजपा महासचिव ने हालांकि कहा कि अगर भविष्य में आवश्यक होगा, तो राम मंदिर मामले में अध्यादेश भी लाएया जागा, लेकिन अध्यादेश लाया जाना इस सिलसिले में आखिरी विकल्प होगा।