दुनियाभर में समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली एक संस्था ‘ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा’(जीकेपीडी) ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय भारतीय संघ की क्षेत्रीय, राजनीतिक और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करता है।
बयान में कहा गया है, ‘संसद में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत मसौदा विधेयक भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले हमारे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य महान नेताओं के आदर्शों की पुष्टि करता है।’
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय को उम्मीद है कि मोदी सरकार जल्द ही घाटी में उनकी वापसी के लिए एक ‘रोड मैप’ तैयार करेगी। भान ने कहा, ‘हम घाटी में एक अलग समझौता चाहते हैं जहां सभी कश्मीरी पंडित एक साथ रह सकें।’