अरुण जेटली के लिए भाजपा भीख मांग रही है : केजरीवाल
मंगलवार, 29 दिसंबर 2015 (08:34 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डीडीसीए में कथित घोटाले के लिए अरूण जेटली को अब तक क्लीनचिट नहीं दी गई है। केजरीवाल ने कहा कि वित्त मंत्री को निशाना बनाने के लिए आप से भाजपा माफी के लिए लगभग भीख मांग रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई जांच से वह भाग रहे हैं।
भाजपा ने पलटवार करते हुए केजरीवाल पर हर दिन नाटक करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘वह हर दिन नाटक करते हैं। वह ओबामा से भी :सवाल: कर सकते हैं । केंद्र किसी आयोग के खिलाफ नहीं है लेकिन जिसकी नियमों के तहत मंजूरी दी गई हो।’
दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त जांच कमेटी की रिपोर्ट में जेटली का नाम नहीं है, भाजपा की इस दलील को खारिज करते हुए केजरीवाल और आप के शीर्ष नेतृत्व ने एक सुर में कहा कि डीडीसीए में घोटाला तब हुआ जब जेटली 2013 तक 13 साल अध्यक्ष रहे।
जावडेकर ने केजरीवाल पर निशाना साधा जिन्होंने कहा कि डीडीसीए के मामले में उनकी सरकार द्वारा जांच आयोग के साथ जेटली को सहयोग करना चाहिए।
भाजपा ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास इस तरह के आयोग गठित करने के लिए आवश्यक अधिकार नहीं है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर वित्तमंत्री और भाजपा से चार सवाल पूछे और आश्चर्य व्यक्त किया कि वे जांच से क्यों भाग रहे हैं।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली सरकार की जांच में किसी को कोई क्लीनचीट नहीं दी गई है। रिपोर्ट में कई गलत कार्यों की पुष्टि की गई है, लेकिन इसमें जिम्मेदारी तय नहीं की गई है। इसमें किसी के नाम का जिक्र नहीं है और इसने जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच आयोग के गठन की सिफारिश की है, जो हमने अब किया है।’
सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘जेटली को बरी कराने के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों ? इतना दबाव क्यों ? जांच आयोग ने अपना काम कल ही शुरू किया है। इसके प्रमुख गोपाल सुब्रमण्यम ने स्वीकार्यता संबंधी पत्र कल ही दिया है।’
डीडीसीए के खिलाफ कुछ आरोपों का जिक्र करते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘क्या जेटली 1999.2013 के दौरान डीडीसीए के प्रमुख नहीं थे, जब ये अनियमितताएं हुई थी? जब फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के मरम्मत का खर्च 24 करोड़ रुपए से बढ़कर 144 करोड़ रुपए हो गया, जब 16 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लैपटॉप लिए गए।
उन्होंने कहा, ‘इस दौरान ऐसी कंपिनयों को अनुबंध दिए गए, जिनके समान निदेशक और समान पते थे। क्या यह भ्रष्टाचार की ओर संकेत नहीं देता है? तब ऐसा कैसे हुआ? ऐसा किसने किया?’ बहरहाल, डीडीसीए में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के अध्यक्ष पूर्व सॉलीसीटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने इसकी सुनवाई का सीधा प्रसारण करने की जोरदार वकालत की है ताकि इसे पारदर्शी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी साफ करना चाहूंगा कि मैंने पहले ही सार्वजनिक जांच का वादा किया है। वह उपयुक्त स्थान पर होना चाहिए। मैं इसका टेलीविजन पर प्रसारण करने की पेशकश करना चाहता हूं ताकि दुनिया में कोई भी देख सके कि कैसे आयोग इस मामले से निपटने के लिए आगे बढ़ता है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा माना है कि दुनिया के कई हिस्सों में जहां अदालत की कार्यवाही का टेलीविजन पर प्रसारण किया गया है, खासतौर पर ब्रिटेन और कनाडा में न्यायपालिका ने बिल्कुल पारदर्शी रहकर कुछ हासिल ही किया है।’
आप नेता आशुतोष ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए जांच आयोग की वैधता का अध्ययन कर रहे उच्च न्यायालय ने उसे एक और जांच आयोग के गठन से नहीं रोका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार मामले की जांच के लिए केवल केंद्र सरकार के आदेशों का पालन कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेटली को निशाना बनाने के लिए वह माफी नहीं मांगेगे क्योंकि उन्हें कोई ‘क्लींनचिट' नहीं दी गई है। भाजपा के प्रवक्ता एमजे अकबर ने कल कहा था कि सीबीआई छापे के बाद डीडीसीए की जिस फाइल के आधार पर केजरीवाल ने जेटली पर हमला किया था उसमें जेटली का कहीं नाम नहीं है। (भाषा)