उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि इस साल की शुरुआत में दो शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि छह शिकायतें 11 मई के बाद मिलीं। गौरतलब है कि 11 मई को ही उच्चतम न्यायालय ने पुलिस, भूमि और सार्वजनिक व्यवस्था को छोड़कर सभी सेवा मामलों का नियंत्रण दिल्ली की निर्वाचित सरकार को दे दिया था।
दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा, 'ये शिकायतें पूरी तरह से फर्जी हैं। उपराज्यपाल केंद्र सरकार के अध्यादेश के जरिये उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के आदेश को पलटने और न्यायपालिका पर किए गए सीधे हमले के खिलाफ हंगामे से ध्यान भटकाने के लिए गंदी राजनीति कर रहे हैं।'
अधिकारियों के अनुसार, आप सरकार के खिलाफ शिकायत करने वालों में पांच आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी-मुख्य सचिव नरेश कुमार, पूर्व सेवा सचिव आशीष मोरे, विशेष सचिव किन्नी सिंह एवं वाई वी वी जे राजशेखर और ऊर्जा सचिव शूरबीर सिंह शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इनके अलावा, आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी मधुर वर्मा, आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी कुणाल कश्यप और तदर्थ दानिक्स अधिकारी अमिताभ जोशी ने भी दिल्ली सरकार के खिलाफ शिकायत की है। (भाषा)