विश्वास ने इस मामले में केजरीवाल सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि इस बार परिस्थितियां ऐसी हैं कि सरकार की हिम्मत नहीं है कि उन्हें श्रोता रूप में भी सहन कर सके। सरकार में बैठे लोग उनसे नजरें चुराने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि कवि सम्मेलन के लिए निमंत्रण न मिलना उनके लिए महत्वपूर्ण विषय नहीं है।