इससे पहले सीजेआई दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमने संविधान, 139 एए, सरकार की शक्तियां सभी पहलुओं पर गौर किया। उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के तहत काम हो। हर मामले में एलजी की सहमति जरूरी नहीं। एलजी को सरकार के प्रतिनिधियों का सम्मान करें।
अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं। भूमि, पुलिस, लॉ एंड ऑर्डर दिल्ली सरकार के दायरे में नहीं है। बाकि मामले में सरकार को कानून बनाने की इजाजत।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट सभी मामलों की जानकारी उपराज्यपाल को दे। उपराज्यपाल के पास फैसला लेने का कोई हक नहीं। वह सिमित शक्तियों के साथ प्रशासक है, राज्यपाल नहीं। फैसले में यह भी कहा गया कि उपराज्यपाल सभी मामलों को राष्ट्रपति को नहीं भेजेंगे। राष्ट्रपति के पास भेजने से पहले एलजी अपने विवेक का इस्तेमाल करें।