मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को इस तरह के सभी मामलों को एक साथ जोड़ते हुए वित्त मंत्रालय, विधि और न्याय, सूचना प्रौद्योगिकी और रिजर्व बैंक को मामले में नोटिस जारी किया है।
रिजर्व बैंक के 6 अप्रैल को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि रिजर्व बैंक नियमन के तहत आने वाली सभी इकाइयों के लिये आभासी मुद्राओं से संबधित सेवाओं को उपलब्ध कराने से रोका जाता है। आभासी मुद्राओं की खरीद अथवा बिक्री से मिलने वाली राशि को खातों में प्राप्त करने और स्थानांतरित करने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है।
आभासी मुद्राएं, जैसे बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा हैं। इसमें कंप्यूटर प्रणाली के जरिये ही आभासी मुद्रा को तैयार किया जाता है और उसके हस्तांतरण, संचालन की पुष्टि की जाती है। ऐसी मुद्राएं केंद्रीय बैंकों के विनियमन के दायरे में नहीं होतीं।