खरगे ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की, कुछ मीडिया खबरों में कहा गया कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उसे समर्थन देने का वादा नहीं किया, तो आप विपक्षी दलों की पटना में होने वाली बैठक से बाहर हो जाएगी।
आप के इस रुख के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा कि शायद वह (केजरीवाल) खुद जानते हैं कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है। संसद सत्र शुरू होने से पहले सारी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करती हैं, यह उन्हें मालूम होगा। 18-20 पार्टियों की बैठक होती है, जिसमें हर पार्टी के नेता शामिल होते हैं।