केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि महापंचायत से साबित हो जाएगा कि आंदोलन को सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है।
महापंचायत में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब समेत देशभर से बड़ी संख्या में किसानों के आने की उम्मीद है। पंचायत को राजनीति से दूर रखने का प्रयास भी किया जा रहा है। ऐसे में किसानों के मंच पर किसी भी राजनैतिक दलों के नेताओं को स्थान नहीं मिलेगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम : केंद्रीय कृषि कानूनों सहित किसानों से जुड़े मुद्दों पर रविवार को होने वाली 'किसान महापंचायत' के लिए प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) की 6 कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की 2 कंपनियां तैनात की जाएंगी। सहारनपुर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) प्रीतिंदर सिंह ने कहा कि कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी जबकि 5 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP), सात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) और 40 पुलिस निरीक्षक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।