Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वे 'लोगों की खातिर' इस्तीफा देने को तैयार हैं और आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले में गतिरोध को हल करने के लिए कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा बातचीत करने से इनकार किये जाने पर खेद व्यक्त किया। बनर्जी ने आंदोलनकारी डॉक्टरों के बैठक के लिए आने का करीब 2 घंटे तक इंतजार किया। उन्होंने कहा कि वे भी चाहती हैं कि पीड़िता को न्याय मिले। उन्होंने लगातार गतिरोध के लिए पश्चिम बंगाल की जनता से माफी मांगी।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने पिछले 33 दिनों में बहुत सारी झूठी बातें और अपमान सहन किया है, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि काम पर न लौटकर उच्चतम न्यायालय के निर्देश का उल्लंघन करने के बावजूद वह उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगी।
नाटकीय घटनाक्रम में राज्य सचिवालय (नबान्न) के द्वार पर पहुंचे आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने बैठक का सीधा प्रसारण करने की अपनी मांग पूरी होने तक राज्य सरकार के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया।
प्रदर्शनकारियों की मांग के अनुसार बनर्जी की मौजूदगी में शाम पांच बजे वार्ता होनी थी। प्रदर्शनकारी शाम करीब पांच बजकर 25 मिनट पर सचिवालय पहुंचने के बाद कार्यक्रम स्थल के गेट पर डटे रहे।
बनर्जी ने कहा कि कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक का सीधा प्रसारण नहीं किया जा सकता, जैसा कि उनकी मांग है, क्योंकि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इसे रिकॉर्ड करने और जरूरत पड़ने पर न्यायालय की अनुमति से रिकॉर्डिंग उन्हें (जूनियर डॉक्टरों को) सौंपने की व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि लोगों की खातिर मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। मैं भी चाहती हूं कि पीड़िता को न्याय मिले, लेकिन यह तरीका नहीं है। हमने पिछले 33 दिनों में बहुत सारी बदनामी और अपमान सहा है। मुझे लगा था कि मरीजों की खातिर और मानवीय आधार पर जूनियर डॉक्टर बातचीत करेंगे।”
उन्होंने कहा कि हम 2 घंटे से इंतजार कर रहे हैं, उम्मीद है कि शायद जूनियर डॉक्टरों को कुछ समझ में आ जाए... मैं उन लोगों से माफी मांगती हूं, जिन्हें उम्मीद थी कि आज समस्या का समाधान हो जाएगा।” उन्होंने दावा किया कि “बाहरी निर्देश” कुछ जूनियर डॉक्टरों को चर्चा में शामिल न होने के लिए प्रभावित कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर अपनी सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भी हमारी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की। लोग न्याय के लिए सामने आए, लेकिन वे नहीं जानते कि इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है...उन्हें कुर्सी चाहिए। मैं जनता की खातिर अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं। मुझे कुर्सी नहीं चाहिए।”
कनिष्ठ चिकित्सकों के काम बंद के कारण 27 मरीजों की मौत और लगभग सात लाख मरीजों के परेशान होने का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा, “मैं भी पीड़ितों के लिए न्याय चाहती हूं, लेकिन डॉक्टरों को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद काम पर लौटना होगा।”
Breakthroughs can only happen through dialogue. GoWB has taken several steps towards collaborative discussion.
Hon'ble CM @MamataOfficial is waiting at Nabanna for a holistic discussion on safety and security of doctors. But, it seems that the Junior doctors are not prioritising… pic.twitter.com/azQLo22YxI
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आंदोलनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही हैं और उन्होंने उन्हें माफ कर दिया है, क्योंकि वह “डॉक्टरों से बड़ी हैं”। उन्होंने कहा, “मैं अब भी कह रही हूं कि मैं उनके नहीं आने और हमें दो घंटे तक इंतजार कराने के लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करूंगी। मैं उन्हें माफ कर दूंगी, क्योंकि बड़ों के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने छोटों को माफ करें।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने उनके आने का तीन दिन तक इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए...सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन किया। वे काम पर वापस नहीं लौटे। लेकिन हमने कोई कार्रवाई नहीं की है क्योंकि कई बार आपको ऐसी परिस्थितियों से धैर्य के साथ निपटना पड़ता है।”
बनर्जी ने कहा कि वह उनके साथ खुले मन से चर्चा करना चाहती हैं क्योंकि समाधान केवल चर्चा के जरिए ही निकल सकता है। कनिष्ठ चिकित्सकों ने 9 अगस्त को अपनी हड़ताल शुरू की थी, जब अस्पताल के सेमिनार रूम में महिला प्रशिक्षु का शव मिला था। तब से, विरोध प्रदर्शन बढ़ता गया है, जिससे पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई हैं।
बंगाल के राज्यपाल बोले- CM ममता बनर्जी का करूंगा सोशल बॉयकॉट : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरजी कर अस्पताल मामले पर गतिरोध को लेकर लोगों के गुस्से को देखते हुए वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कोई भी सार्वजनिक मंच साझा नहीं करेंगे। बोस ने एक वीडियो संदेश में यह भी कहा कि वे मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार भी करेंगे।
बोस ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के साथ कोई भी सार्वजनिक मंच साझा नहीं करूंगा। मैं संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ कदम उठाऊंगा। राज्यपाल के रूप में मेरी भूमिका संवैधानिक दायित्वों तक ही सीमित रहेगी।”
उन्होंने कहा कि मैं बंगाल के लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हूं। मैंने आरजी कर घटना की पीड़िता के माता-पिता और न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। मेरे आकलन में, सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही है। इनपुट भाषा