स्वीडन में कैसे होता है चुनाव : समिति ने कहा कि स्वीडन आनुपातिक निर्वाचन प्रणाली का पालन करता है, जिसका अर्थ है कि राजनीतिक दलों को उनके वोटों के हिस्से के आधार पर निर्वाचित सदन में सीटें आवंटित की जाती हैं। इसमें कहा गया है कि उनके पास एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें संसद (रिक्सडाग), काउंटी परिषदों और नगर परिषदों के चुनाव एक ही समय में होते हैं। ये चुनाव हर 4 साल में सितंबर के दूसरे रविवार को होते हैं, जबकि निकाय चुनाव हर 5 साल में एक बार सितंबर के दूसरे रविवार को होते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि उच्च स्तरीय समिति के सदस्य सुभाष कश्यप ने जापान में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का भी उल्लेख किया है। जापान में प्रधानमंत्री की नियुक्ति सबसे पहले राष्ट्रीय संसद (डायट) द्वारा की जाती है और उसके बाद सम्राट द्वारा उसे स्वीकार किया जाता है। उन्होंने जर्मनी या जापान की व्यवस्था जैसा मॉडल अपनाने की वकालत की।
इंडोनेशिया में भी एक साथ चुनाव : रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से इंडोनेशिया एक साथ चुनाव करवा रहा है, एक ऐसी प्रणाली जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय विधायी निकायों के सदस्य एक ही दिन चुने जाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि मतदाता गुप्त मतदान करते हैं और दोहराव को रोकने के लिए उनकी उंगलियों पर नहीं मिटने वाली स्याही लगाई जाती है। राष्ट्रीय संसद के लिए अर्हता प्राप्त करने के वास्ते राजनीतिक दलों को 4 प्रतिशत वोटों की आवश्यकता होती है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए कुल मतों के 50 प्रतिशत से अधिक और देश के आधे से अधिक प्रांतों में कम से कम 20 प्रतिशत वोटों की आवश्यकता होती है। (भाषा/वेबदुनिया)