संगठन न्यूट्रिशन इंटरनेशनल इंडिया की अधिकारी मिनी वर्गीज ने कहा कि पोषक तत्व युक्त आहार से समझौते के मुख्यत: 2 कारण हैं। उन्होंने कहा कि पहला कारण यह है कि हरी सब्जियों का उत्पादन सामान्य तौर पर मौसमी होता है जिससे उपयोग प्रक्रिया और समूचे पोषण परिणाम प्रभावित होते हैं। दूसरा यह कि घरों में परिवारों की स्थिति कुछ ऐसी होती है कि पुरुषों को आमतौर पर आहार की गुणवत्ता और मात्रा, दोनों के मामले में प्राथमिकता मिलती है।
पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन एंड डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक डॉक्टर शीला वीर ने कहा कि बच्चों को पोषक तत्व युक्त आहार न मिलने का कारण काफी हद तक आहार उपलब्ध कराने का गलत तरीका है, जिसमें स्तनपान और पूरक आहार दिए जाने में होने वाली त्रुटियां भी शामिल हैं। वीर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यालय पाठ्यक्रम में आहार संबंधी व्यावहारिक विवरण शामिल किया जाना चाहिए।(भाषा)