Weather Updates: अब मानसून के सिर्फ 35 दिन और ही बाकी हैं, लेकिन वर्षा का तेज दौर जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 2 दिनों गुजरात में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट (red alert ) जारी किया है। आईएमडी ने 22 22 राज्यों में येलो अलर्ट (yellow alert) जताया है। बुधवार को पश्चिमी राजस्थान और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में और गुरुवार को पश्चिमी राजस्थान, केरल और ओडिशा में वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट (orange alert) जारी किया है। लगभग समूचे गुजरात और पश्चिम राजस्थान को जल प्रलय का सामना करना पड़ रहा है। दोनों राज्यों के कई इलाके पानी में डूब गए हैं।
जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर पश्चिम से लेकर पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर भारत तक जमकर मूसलधार बारिश हो रही है। लगभग समूचे गुजरात और पश्चिम राजस्थान को जल प्रलय का सामना करना पड़ रहा है। दोनों राज्यों के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। गुजरात में 7 लोगों की जान भी गई है और 15,000 से अधिक लोगों को निचले इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है, वहीं पानी में घिरे 300 लोगों को बचाया गया है।
दिल्ली में इस अगस्त में 14 वर्षों में सबसे अधिक बारिश वाले दिन : दिल्ली में इस साल अगस्त में 23 दिन तक बारिश हुई और इस महीने पिछले 14 वर्षों में सबसे अधिक बारिश वाले दिन रहे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले सर्वाधिक बारिश 2012 में 22 दिन और उसके बाद 2011 में 20 दिन हुई थी। 'बारिश वाला दिन' वह दिन होता है, जब शहर में 2.4 मिलीमीटर से अधिक वर्षा होती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि इसके अतिरिक्त इस वर्ष अगस्त राष्ट्रीय राजधानी के लिए सबसे अधिक वर्षा वाला महीना भी रहा है, जहां अब तक 291.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। यह पिछले एक दशक में सर्वाधिक है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार 27 अगस्त तक दिल्ली में 291.6 मिमी बारिश हुई, जो अगस्त 2014 में दर्ज की गई अधिकतम बारिश से अधिक है।
गुजरात में बाढ़ का कहर, 15 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया : गुजरात के विभिन्न हिस्सों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वहीं विभिन्न जिलों में प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाकर 15,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 300 से अधिक लोगों को बचाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भारी बारिश का दौर जारी रहा जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। उन्होंने बताया कि लगातार बारिश के कारण बांधों और नदियों का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में सोमवार को 7 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि गांधीनगर, खेड़ा और वडोदरा जिले में दीवार गिरने की घटनाओं में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि आणंद जिले में पेड़ गिरने से 1 व्यक्ति और बारिश के पानी में डूबने से 2 अन्य लोगों की जान चली गई।
अधिकारियों के अनुसार पंचमहल, नवसारी, वलसाड, वडोदरा, भरूच, खेड़ा, गांधीनगर, बोटाद और अरावली जिले के प्रशासन ने नदियों और बांधों में जलस्तर बढ़ने तथा निचले इलाकों में बाढ़ आने के बीच सैकड़ों लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में अब तक औसत वार्षिक बारिश का लगभग 100 फीसदी पानी बरस चुका है। आकड़ों के अनुसार राज्य के कच्छ, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात जिले में औसत वार्षिक वर्षा से 100 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को गुजरात के अधिकांश हिस्सों में जबकि बुधवार और गुरुवार को सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में बेहद भारी बारिश होने का अनुमान जताया है, वहीं गुरुवार तक राज्यभर में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
मोरबी जिले के टंकारा तालुका में मंगलवार सुबह 6 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 347 मिलीमीटर बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है। वहीं, पंचमहल के मोरवा हदफ में 346 मिलीमीटर, खेड़ा के नाडियाद में 327 मिलीमीटर, आणंद के बोरसाद में 318 मिलीमीटर, वडोदरा तालुका में 316 मिलीमीटर और आणंद तालुका में 314 मिलीमीटर बारिश हुई।
एसईओसी ने कहा कि मंगलवार को सुबह 6 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 251 तालुका में से कम से कम 24 तालुका में 200 मिलीमीटर से अधिक, जबकि 91 तालुका में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। मंगलवार को हुई ताजा बारिश से राजकोट शहर के निचले इलाकों, सड़कों और अंडरपास में पानी भर गया। एसईओसी के आंकड़ों से पता चलता है कि अकेले राजकोट शहर में सुबह 6 बजे से अगले 4 घंटों में 142 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा सुरेंद्रनगर, खेड़ा और देवभूमि द्वारका में भी सुबह के समय बारिश हुई।
राज्य सरकार ने अद्यतन जानकारी देते हुए कहा कि 96 जलाशयों में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर चला गया है और उन्हें लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। जिन 19 जलाशयों ने पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, उनके संबंध में भी चेतावनी जारी की गई है।
हिमाचल में बारिश से 126 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट : हिमाचल (Himachal) प्रदेश के कई हिस्सों में मंगलवार को बारिश हुई जिससे राज्यभर में 85 और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई और राजधानी शिमला (Shimla) में कई पेड़ गिर गए। स्थानीय मौसम विभाग, शिमला ने बताया कि अगले 2 दिनों के लिए राज्य में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने का पूर्वानुमान जताते हुए 'येलो' अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार सुबह तक 41 सड़कें बंद थीं और मंगलवार को बारिश के कारण भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से इनकी संख्या बढ़कर 126 हो गई। शिमला शहर में भारी बारिश के बाद टॉयलैंड के पास पेड़ गिरने के कारण सुबह के समय स्कूल और कार्यालय जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शिमला जिले में कुल 41 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हैं।
सबसे अधिक 50 सड़कें मंडी में बंद: कुल 126 अवरुद्ध सड़कों में से सबसे अधिक 50 सड़कें मंडी में हैं, इसके बाद सोलन में 12, कांगड़ा में 10, कुल्लू में 6, सिरमौर में 4 और ऊना, किन्नौर और लाहौल तथा स्पीति जिले में 1-1 सड़क बंद हैं। आपातकालीन संचालन केंद्र ने बताया कि राज्य भर में 1,191 बिजली और 27 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं।
राज्य के कई हिस्सों में मध्यम बारिश : मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार सोमवार शाम 5 बजे से राज्य के कई हिस्सों में मध्यम बारिश हुई जिसमें काहो में सुबह 8 बजे तक सबसे अधिक 84 मिमी बारिश दर्ज की गई। काहो के बाद जुब्बड़हट्टी में 83 मिमी, कुफरी में 73 मिमी, शिमला में 62.8 मिमी, पच्छाद में 59 मिमी, चौपाल में 42.6 मिमी, नगरोटा सूरियां में 42.2 मिमी, सोलन में 42.4 मिमी, सुंदरनगर में 39.8 मिमी, नारकंडा में 36 मिमी, नाहन में 27.4 मिमी और बिलासपुर में 22.5 मिमी बारिश हुई।
अब तक 23 प्रतिशत कम बारिश : मानसून की 27 जून को शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में अब तक 23 प्रतिशत बारिश कम हुई है। इस दौरान राज्य में 591.8 मिमी बारिश होती है जबकि अब तक 453.4 मिमी बारिश हुई है। अधिकारियों ने बताया कि मानसून की शुरुआत से लेकर सोमवार तक बारिश से घटनाओं में 144 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 1,217 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
त्रिपुरा में बाढ़ से मृतकों की संख्या 31 हुई : अगरतला से मिले समाचारों के अनुसार त्रिपुरा में बाढ़ के कारण 5 और लोगों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव बी सी जोशी के नेतृत्व में एक अंतरमंत्रालयी टीम बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए बुधवार को राज्य पहुंचेगी।
राजस्व विभाग के सचिव बिरजेश पांडे ने बताया कि 72,000 लोग अभी भी 492 राहत शिविरों में रह रहे हैं, क्योंकि बाढ़ में उनके घर बह गए हैं। उन्होंने कहा कि 19 से 23 अगस्त तक आई बाढ़ में कुल 31 लोगों की मौत हो गई जबकि 2 अन्य लापता हैं। मुख्यमंत्री साहा ने बाद में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार उत्तरी गुजरात पर गहरा दबाव बना हुआ है। यह गुजरात क्षेत्र में पश्चिम दक्षिण-पश्चिम दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। इसके बाद 29 अगस्त की सुबह तक सौराष्ट्र, कच्छ तट और पाकिस्तान के आसपास के इलाकों और उत्तर-पूर्व अरब सागर तक पहुंचने की संभावना है।
अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव का क्षेत्र जो झारखंड और आसपास के क्षेत्रों पर था, पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ गया है और अब उसी क्षेत्र में कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा है। इसके झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ और आसपास के दक्षिण-पूर्व उत्तरप्रदेश में पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है और अगले 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा।
औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अब उत्तरी गुजरात पर गहरे दबाव के केंद्र, सागर, झारखंड पर कम दबाव के क्षेत्र के केंद्र, दीघा और फिर दक्षिण-पूर्व दिशा में बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी से होकर गुजरती है। 29 अगस्त को पूर्व मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक ताजा निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। अपतटीय ट्रफ दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल तट तक फैला हुआ है।
पिछले 24 घंटों की मौसमी हलचल : पिछले 24 घंटों के दौरान गुजरात के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय ओडिशा और पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, पूर्वी असम, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, राजस्थान के कुछ हिस्सों, कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई।
पूर्वोत्तर भारत, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र और केरल के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। बिहार, झारखंड, तटीय आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक और लक्षद्वीप में हल्की बारिश हुई।
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार आज बुधवार, 28 अगस्त को सौराष्ट्र, कच्छ तथा गुजरात क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भारी और बहुत भारी बारिश हो सकती है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा के कुछ हिस्सों, उत्तरी छत्तीसगढ़, पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, कोंकण. गोवा और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ भारी बारिश हो सकती है।
सिक्किम, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। लद्दाख, उत्तर-पश्चिमी राजस्थान, मराठवाड़ा, तटीय आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।(Photo courtesy: IMD)