Weather Update: उत्तराखंड में इन दिनों जमकर बर्फबारी हो रही है। पहाड़ की चोटियां बर्फ से सफेद हो गई हैं। बद्रीनाथ (Badrinath) धाम में 6 फुट से अधिक बर्फ जमी है। स्थिति यह है कि अलकनंदा नदी भी कई जगहों पर बर्फ के नीचे से बह रही है। बद्रीनाथ हाईवे भी हनुमानचट्टी के पास से बर्फ के चलते बंद है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आईएमडी (IMD) ने आंधी-तूफान और बर्फबारी (snowfall) की आशंका जताई है।
तेज आंधी-तूफान और बारिश समेत भारी बर्फबारी की आशंका : मौसम विभाग (IMD) के अनुसार अगले 60 घंटों के भीतर उत्तर भारत के राज्यों में एक बार फिर तेज आंधी-तूफान और बारिश समेत भारी बर्फबारी होने वाली है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में 6 से 7 मार्च के बीच बारिश की आशंका है। इसके साथ ही ओले गिरने की भी आशंका जताई गई है। वहीं 7 से 9 मार्च के बीच ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम का मौसम भी बिगड़ने वाला है। इन तीनों राज्यों में भी बारिश हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा : IMD के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में अगले एक हफ्ते के दौरान पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है और बर्फबारी की भी आशंका है। इसे लेकर पहले से ही अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, असम और मेघालय में भी इसी तरह के मौसम की आशंका जताई गई है।
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (skymet weather) के अनुसार आज बुधवार 6 मार्च की रात से एक ताजा और अपेक्षाकृत कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की आशंका है जिससे छिटपुट हल्की/ मध्यम वर्षा होने की आशंका है। 8 मार्च तक ओडिशा में और 7 से 9 मार्च तक उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में छिटपुट वर्षा होने की उम्मीद है।
अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा/बर्फबारी होने की आशंका है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, अरुणाचल प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग वर्षा/बर्फबारी की आशंका है। देश के बाकी हिस्सों में शुष्क मौसम की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है।
एक ट्रफ रेखा दक्षिणी तमिलनाडु से उत्तरी आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है, जो समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से होकर गुजर रही है। निचले क्षोभमंडल स्तर पर आंतरिक ओडिशा और आसपास के क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ। पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पछुआ हवाओं में एक गर्त के रूप में अपनी धुरी पर 5.8 पर है। उत्तर-पश्चिम उत्तरप्रदेश और आसपास के क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 और 3.1 किमी के बीच ऊपर बना हुआ है।(Photo Courtesy: IMD)