सावधान.. सीमापार के 500 आतंकी घुसपैठ की फिराक में

श्रीनगर। भारतीय सेना के साथ-साथ सीमांत नागरिकों के लिए आने वाले दिन भयानक साबित हो सकते हैं क्योंकि सेना मान रही है कि उस पार से आतंकियों की बाढ़ आने वाली है। सेना के बकौल इन आतंकियों को इस ओर धकेलने की खातिर पाक सेना गोलों की बरसात की तैयारी कर रही है, उसको इसकी भी परवाह नहीं है कि पिछले साल 26 नवंबर को सीमाओं पर 14 साल पूरे करने वाला सीजफायर दांव पर लग सकता है।


एलओसी के गर्माने के संकेत दोनों ओर से एलओसी से सटे बीसियों गांवों को खाली करवा लिए जाने की कवायद से भी मिलते हैं। इसके प्रति सेनाधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के नजदीक लॉन्च पैड्स पर 300-500 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ के इंतजार में हैं। उन्होंने कहा कि लगता नहीं है कि घुसपैठ की संभावना और आतंकियों के इरादों में कोई कमी आई है। हमें लगातार ऐसी जानकारियां मिल रही हैं कि एलओसी के पार लॉन्च पैड्स के पास 300-500 से ज्यादा आतंकवादी मौजूद हैं और उन पर घुसपैठ करने का खासा दबाव है।

सेनाधिकारियों ने कहा कि सेना के संयुक्त प्रयासों और घुसपैठ को रोकने के लिए हो रहे बहु-स्तरीय प्रयासों की वजह से अभी तक आतंकवादियों के मंसूबे सफल नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि हम सब एक साथ इस बात को दोहरा रहे हैं कि इस बार घुसपैठ के मामलों में कमी आई है और अगले साल तक ऐसी घटनाएं बिलकुल समाप्त हो जाएंगी। यह सब हमारी घुसपैठ विरोधी गतिविधियों की वजह से संभव हुआ है। सेनाधिकारियों ने आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में यह भी कहा कि उनके सभी प्रयास नाकाम किए जा रहे हैं और वो घुसपैठ में सफल नहीं हो रहे हैं।

कई बार वे सिर्फ एलओसी के नजदीक आकर फायरिंग करते हैं और वापस चले जाते हैं। लेकिन, सेना को डर इस बात का है कि पाक सेना आतंकियों को इस ओर धकेलने की खातिर उस सीजफायर को भी दांव पर लगा सकती है जो पिछले साल 26 नवंबर को 14 साल पूरे कर चुका है। डर की वजह यह है कि अक्सर यही देखने में आया है कि पाक सेना आतंकियों को धकेलने की खातिर हमेशा कवरिंग फायर रणनीति को ही अपनाती है। बताया जा रहा है कि आतंकवाद को बल देने के लिए सीमा पार लांचिंग पैडों पर तैयार सैकड़ों आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान सीमा पर कमजोर कड़ी तलाश रहा है।

पड़ोसी देश ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ी दर्रों से बर्फ के पिघलने का इंतजार शायद ही करे और वह उससे पहले ही घुसपैठ करवाने के लिए फिर दुस्साहस करेगा। सूत्रों के अनुसार, सेना व बीएसएफ के भारी दबाव के कारण अब सीमा पार से आतंकियों के छोटे दलों को घुसपैठ करवाने की कोशिशें हो रही हैं। बड़े दलों की घुसपैठ में अधिक नुकसान की संभावना रहती है।

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