Yes Bank शाखाओं के बाहर ग्राहकों की लंबी कतार, सोशल मीडिया पर शिकायतों का अंबार
शुक्रवार, 6 मार्च 2020 (23:19 IST)
नई दिल्ली/ मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गुरुवार को येस बैंक (Yes Bank) के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपए की निकासी सीमा तय करने के बाद बैंक की विभिन्न शाखाओं में परेशान ग्राहकों के फोन आते रहे और शाखाओं में लंबी कतारें देखी गईं। ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला। बैंक के कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच तीखी बहस होने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया हैं। भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है। रिजर्व बैंक ने येस बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50 हजार रुपए की निकासी सीमा तय की है। यह व्यवस्था 30 दिन के लिए की गई है।
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले और मुंबई के उपनगरीय इलाके मुलुंड की एक शाखा में धन निकालने के लिए पंक्ति में खड़े एक व्यक्ति ने कहा, येस बैंक में मेरा वेतन खाता है। मैं अपने एचआर को आज ही अपने दूसरे बैंक खाते का ब्यौरा देने जा रहा हूं, ताकि मेरा धन न फंसे।
एक अन्य ग्राहक ने कहा, शाखा प्रबंधक ने मुझे टोकन देने से मना कर दिया क्योंकि मैं देर से पहुंचा। वे केवल 130 लोगों को टोकन दे रहे हैं। बैंक के मुख्यालय, उसकी शाखाओं और एटीएम पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। बैंक का परिचालन बाधित होने से उद्यमी और छोटे कारोबारी भी प्रभावित हुए हैं।
इस दौरान निजी क्षेत्र के येस बैंक के ग्राहकों ने शिकायत की कि नेट बैंकिंग काम नहीं कर रही है, और कई लोगों ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपना गुस्सा निकाला कि वे अपनी धनराशि नहीं निकाल पा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कनेक्शन एरर के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए।
एक ग्राहक ने ट्विटर पर लिखा कि वह अपना बचत खाता बंद करना चाहता है, लेकिन मैं ऐसा ऑनलाइन कैसे कर सकता हूं। इसके जवाब में येस बैंक ने ट्वीट किया, हम नेट बैंकिंग में लगातार दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। आपसे अनुरोध है कि कुछ समय बाद कोशिश करें।
बैंक ने अपने टोल फ्री नंबर को भी 18002000 से बदलकर 18001200 कर दिया। हालांकि ऐसा लगता है कि रिजर्व बैंक के बुधवार के आदेश से पहले तीन-चार मार्च से ही ग्राहक परेशानी का सामना करने लगे थे और उसी समय से बड़ी संख्या में ग्राहक ट्विटर पर बैंकिंग संबंधी समस्याओं की शिकायत कर रहे थे।