इंदौर! वो शहर जो 2024-25 के स्वच्छ सर्वेक्षण में सातवीं बार 'देश का सबसे साफ-सुथरा' ताज पहनकर चमक रहा है, आज चूहों की फौज ने इसका किला ढहा दिया। जी हां, 'आतंकी चूहे'! ये न बॉर्डर क्रॉस करते हैं, न रॉकेट दागते हैं—बस सीधे प्रशासन की लापरवाही की दीवार चबा-चबाकर अंदर घुस जाते हैं। कल ही, देवी अहिल्या एयरपोर्ट पर एक भोपाल के यात्री की पैंट में घुसकर चूहे ने काट लिया। सोचिए, 'विश्वस्तरीय' हवाई अड्डा जो ट्रिपल-ए रेटिंग का दावा करता है, वहां चूहे विमान की तरह उड़-उड़कर यात्रियों को 'बाइट' सर्विस दे रहे हैं।
पिछले महीने की शुरुआत ही काली थी। एमवाय अस्पताल—मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल—के न्यूनतम नवजात इकाई (एनआईसीयू) में चूहों ने दो मासूम नवजातों को कुतर डाला। 30-31 अगस्त को ये हादसे हुए, और दोनों बच्चियां—जिनमें से एक निमोनिया से जूझ रही थी—दो-तीन सितंबर को दम तोड़ बैठीं। एक का पैर, दूसरी का सिर और कंधा—चूहे ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। सीसीटीवी फुटेज में चूहे बेड के पास घूमते नजर आए, लेकिन डॉक्टर? वो तो 'रूटीन चेकअप' में व्यस्त थे। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस ठोक दिया, ट्राइबल ग्रुप ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन चूहे? वो तो आज भी एनआईसीयू में 'फ्री रेंज' घूम रहे हैं।
और तो और, 22 सितंबर को रानीपुरा में एक तीन मंजिला इमारत धड़ाम से गिर गई—दो की मौत, बारह घायल। वजह? बारिश नहीं, चूहों का आतंक! निवासियों का आरोप है कि चूहों ने नींव चबा-चबाकर कमजोर कर दी थी। कंक्रीट और स्टील की इमारत चूहों के दांतों से हार गई—ये चूहे कोई मामूली कीड़े-मकोड़े नहीं, 'रैट कमांडो' हैं! प्रशासन की लापरवाही पर हमला बोलने वाले सुपर सोल्जर, जो सीवर से निकलकर अस्पताल, एयरपोर्ट और घरों तक पहुंच जाते हैं। अवैध निर्माणों पर सवाल उठे, लेकिन चूहों का क्या? वो तो 'अनऑथराइज्ड एंट्री' के चैंपियन हैं।
अब बताओ, इंदौर की ये त्रासदी क्या है? शहर की किस्मत का फूटा पानी, सिस्टम का काला दाग, या प्रशासन की ऐसी लापरवाही कि वो चूहों को 'क्लीन-अप क्रू' का मेंबर मान बैठे? सात बार नंबर वन, लेकिन हकीकत में चूहे नवजातों को खा रहे, पैंटें काट रहे, इमारतें ढहा रहे। ये कैसी सफाई जो कागजों पर चमकती है, लेकिन जमीनी हकीकत में चूहों की पार्टी चल रही है? 'स्वच्छ भारत अभियान' का नया चैप्टर क्या यही है—झाड़ू लगाने की बजाय चूहों को झाड़ू थमा दो, ताकि वो 'नेचुरल क्लीनिंग' करें?
सोचो, वो शहर जो गंदगी से जंग जीतने का दावा करता है, चूहों से घुटने टेक रहा। जनता को चेतावनी: "सफाई सिर्फ फोटोशूट के लिए है, हकीकत में चूहे राज करेंगे!" और जनता? चुपचाप सह रही। बच्चे मर रहे, इमारतें गिर रही, पैंटें फट रहीं हैं—लेकिन नेता जी सोशल मीडिया पर 'क्लीन इंदौर' की सेल्फी डाल रहे। अरे भाई, अगर चूहे आतंकी हैं, तो 'ऑपरेशन रैट क्लीन-अप' लॉन्च करो! अस्पतालों में जाल बिछाओ, एयरपोर्ट पर चूहा-स्कैनर चालू करो, इमारतों को 'रैट-प्रूफ' बनाओ। वरना अगली फ्लाइट में चूहे पायलट बन जाएंगे—'रैट एयरलाइंस' उड़ाएंगे, डेस्टिनेशन: इंदौर!
इंदौरवासियों, जागो! ये चूहों का नहीं, सिस्टम का आतंक है। सात तमगे मिले हैं, तो सात गुना जवाबदेही निभाओ।
Edited By: Navin Rangiyal