उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की लाई जा रही जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर सियासी पारा गर्मा गया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने से इसमें धर्म और ध्रुवीकरण की सियासत भी जुड़ गई है। योगी सरकार के प्रस्तावित कानून को लेकर मुसलमानों के संगठन देवबंद ने अपना विरोध जताया है तो वहीं विश्व हिंदू परिषद ने भी अपनी आपत्ति जताई है। विहिप ने जनसंख्या नीति में एक बच्चे के नियम को हटाने की मांग की है।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की जनसंख्या नीति का साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने समर्थन किया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन और स्वागत करते हुए कहा कि अखाड़ा परिषद के साथ-साथ सभी साधु संत इसको लेकर जागरुकता अभियान चलाएंगे।
वेबदुनिया से बात करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून आज प्रदेश के साथ देश के लिए बहुत जरुरी है। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर मुस्लिम धर्मगुरूओं और उनके नेताओं की आपत्तियों को सिरे से खारिज कर देते है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी कहते हैं कि “मुसलमान कहते हैं कि अल्लाह की देन है। आखिर बच्चा पैदा करने में अल्लाह कहां से आ जाते है और अल्लाह की क्या देन है? जब देखो अल्लाह के बीच में ले आते है। मुसलमान चाहे तीन बीवियां रखे लेकिन बच्चे दो ही होने चाहिए। अब यह नहीं चलेगा कि हर बीवी से दो बच्चे, तो सात बीवी से 14 बच्चे। मुस्लिम समाज को भले ही तीन महिलाओं से निकाह करने की छूट हो लेकिन दो बच्चे पैदा करने की ही इजाजत होनी चाहिए”।
वह आगे कहते हैं कि “जनसंख्या इतनी बढ़ती जा रही है कि तमाम तरह की समस्या पैदा होती जा रही है। न शिक्षा मिल पा रही है न इलाज मिल पा रहा है। इसलिए योगी जी का निर्णय बिल्कुल सहीं है और इस पर कड़ा कानून बनाना चाहिए”।
जनसंख्या नियंत्रण के प्रस्तावित कानून का दारुल उलूम देवबंद के विरोध करने पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष कहते हैं कि इनका काम ही देश में हो रहे हर अच्छे काम का विरोध करना है। मुस्लिम धर्मगुरु भारत का विकास नहीं चाहकर अपना विकास चाहते है और हर ऐसे कानून का विरोध करते है जिससे देश का विकास हो।
वहीं जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे में एक बच्चे के नियम पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून से निश्चित तौर पर जनसंख्या पर रोक लगेगी। यह सहीं है कि हिदुओं की आबादी कम होगी। हिंदू पहले ही दो बच्चे की नीति को मान रहे है लेकिन मुसलमानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अगर उनकी जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ती जा रही तो कल को देश में हिंदू कम हो जाएंगे।
जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरुकता अभियान चलाने के साथ अखाड़ा परिषद ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की है कि वह जनसंख्या नियंत्रण कानून को खुले मन से स्वीकार करें और जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अपने धर्म के लोगों को समझाने के साथ जागरूक करें।