खरगे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के छापे के बाद कई कंपनियों द्वारा चुनावी बॉण्ड खरीदे जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा ने चुनावी बॉण्ड के जरिए करोड़ों रुपए एकत्र किए हैं, वहीं कांग्रेस को जिस बैंक खाते में चंदा मिला, उससे लेनदेन पर रोक लगा दी गई।
भाजपा को कुल चंदे का 50 प्रतिशत से अधिक मिला : खरगे ने कहा, प्रधानमंत्री कहते हैं न खाऊंगा, न खाने दूंगा, लेकिन आज उच्चतम न्यायालय ने यह उजागर कर दिया है कि कैसे भाजपा ने चुनावी बॉण्ड से पैसा बनाया है। एसबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भाजपा को कुल चंदे का 50 प्रतिशत से अधिक मिला, जबकि कांग्रेस को केवल 11 प्रतिशत मिला। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि कंपनियों पर भाजपा को चंदा देने के लिए दबाव डाला गया।
लगभग 300 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए गए : खरगे ने कांग्रेस के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा, आयकर विभाग को ऐसा करने का निर्देश दिया गया था और लगभग 300 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए गए हैं, हम चुनाव में कैसे जा सकते हैं? आप चुनावी बॉण्ड के माध्यम से करोड़ों रुपए एकत्र कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस को कार्यकर्ताओं, सांसदों और अन्य लोगों से चंदा मिला। उन्होंने कहा, हमारा खाता बंद है, उनका खाता खुला है। उन्हें 6,000 करोड़ रुपए मिले, जबकि दूसरों को बहुत कम मिला।
खरगे ने सवाल किया, अगर विपक्षी पार्टी का खाता फ्रीज कर दिया जाएगा, तो वे चुनाव कैसे लड़ेंगी? समान अवसर कहां हैं? इसलिए मैं उच्चतम स्तर पर जांच की मांग करता हूं। जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, तब तक उनके (भाजपा) खाते से भी लेनदेन पर रोक लगाई जानी चाहिए।
वे भाजपा में तत्काल बेदाग हो गए : खरगे ने कहा, यह पता लगाने के लिए एक विशेष जांच की जानी चाहिए कि क्या उन्हें किसी एहसान के बदले में या उत्पीड़न अथवा चंदे के बदले मामलों को बंद करने के एवज में पैसे मिले हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, जिन लोगों ने ईडी और आयकर विभाग के छापों का सामना किया, वे भाजपा में चले गए और उन्हें (पार्टी में) पद मिल गए। वे भाजपा में तत्काल बेदाग हो गए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour