कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के 6 जिलों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भविष्य में मानव निर्मित आपदाओं से बचने के वास्ते क्षेत्र के बांधों से गाद हटाने और उनकी दशा बेहतर करने के लिए एक योजना का प्रारूप बनाने का आग्रह किया।
बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा कि 'दामोदर वैली कॉर्पोरेशन' (डीवीसी) के पंचेत, मैथोन और तेनुघाट बांधों द्वारा अभूतपूर्व तरीके से पानी छोड़ा गया जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। मुख्यमंत्री ने आज हावड़ा जिले में बाढ़ प्रभावित उदयनारायणपुर का दौरा किया और कहा कि बाढ़ के कारण 16 लोगों की जान चली गई और लाखों किसानों की आजीविका का साधन नष्ट हो गया।
उन्होंने कहा कि घर, पुल और बिजली के तारों को भी भारी नुकसान हुआ। बनर्जी ने कहा, 16 लोगों की मौत के अलावा, अभूतपूर्व रूप से लोगों का विस्थापन हुआ जिससे लाखों किसानों और लोगों की आजीविका का साधन बर्बाद हो गया तथा फसल, मत्स्यपालन, घरों, सड़कों, पुलों बिजली के तारों और अन्य चीजों को नुकसान हुआ।
बनर्जी ने कहा कि डीवीसी के बांधों के तत्काल पुनरुद्धार, गाद हटाने और तल की सफाई कराने के उनके अनुरोध के बावजूद इस पर कोई काम नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी उन्होंने डीवीसी के बांधों के पानी को रोककर रखने की क्षमता को बढ़ाने का आग्रह किया था ताकि बंगाल में बाढ़ की विभीषिका से बचा जा सके।
उन्होंने कहा कि डीवीसी की मूल योजना के तहत झारखंड के बालपहाड़ी में एक छठा बांध भी बनाया जाना चाहिए था। तृणमूल अध्यक्ष ने चार पन्नों के अपने पत्र में कहा कि राज्य को 2015, 2017 और 2019 में डीवीसी बांधों से छोड़े गए पानी के कारण इस प्रकार के संकट का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि चक्रवातों और बाढ़ से पीड़ित राज्य को केंद्र सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है। भारी बारिश और डीवीसी के बांधों से छोड़े गए पानी के कारण पूर्व और पश्चिम वर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।
आज प्रधानमंत्री ने बनर्जी को फोन कर राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और केंद्र से सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान कहा कि डीवीसी द्वारा अनियोजित ढंग से बांध का पानी छोड़ा गया जिससे राज्य में मानव निर्मित बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई।
राज्य के दक्षिण भाग में भारी बारिश के कारण बनर्जी को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण रद्द करना पड़ा। उन्होंने हावड़ा में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इस बीच राज्य के सिंचाई मंत्री सौमेन महापात्र ने डीवीसी को पत्र लिखकर अगले तीन दिन तक पानी नहीं छोड़ने का आग्रह किया ताकि राज्य में बाढ़ से निपटा जा सके। महापात्र ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि डीवीसी के अधिकारी उनकी बात पर ध्यान न दें।(भाषा)