अय्यर की आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक - द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991) सोमवार को बाजार में आई थी। जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में अय्यर के दून स्कूल से लेकर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक तथा एक शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी तक के सफर को कलमबद्ध किया गया है।
अय्यर ने अपनी राम-रहीम यात्रा के संदर्भ में कहा कि नरसिम्हा राव ने मुझे बताया कि उन्हें मेरी यात्रा से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे। मैंने कहा था कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है। उन्होंने कहा, मणि ऐसा लगता है कि आप नहीं समझते कि यह एक हिंदू राष्ट्र है। मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा भी यही कहती है।