कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने 'सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी' (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भाजपानीत राजग सरकार हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का अपना वादा पूरा करने में विफल रही है, उल्टे देश में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों के काम-धंधे छूट गए।
उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में मोदी ने 'अच्छे दिन' का वादा किया था जिसमें हर साल 2 करोड़ नौकरियां देना शामिल था। 5 सालों में इस तरह कुल 10 करोड़ नौकरियां बनती हैं। लेकिन हाल ही में एक मशहूर थिंकटैंक 'सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी' ने रोजगार पर एक रिपोर्ट जारी की। उसमें कहा गया है कि पिछले 1 साल 1 करोड़ से अधिक लोगों के काम-धंधे और नौकरियां छूट गए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर, 2017 में 40.79 करोड़ लोगों के पास रोजगार था लेकिन 2018 में उनकी संख्या घटकर 39.07 करोड़ रह गई। तिवारी ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जिसका मतलब है कि 1 करोड़ से अधिक लोगों के काम-धंधे छूट गए। यह चौंकाने वाली बात है कि जो लोग बेरोजगार हुए हैं उनमें से 80 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं तथा 90 फीसदी से अधिक ग्रामीण हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर दिसंबर, 2018 में 7.4 फीसदी हो गई। उन्होंने कहा कि किसी भी दशक में यह सर्वाधिक है। दिहाड़ी मजदूर और छोटे कारोबारी सबसे अधिक प्रभावित हुए। ये वही लोग हैं जिन पर नोटबंदी का असर पड़ा।