उन्होंने कहा कि अभी हमने 2-3 दिन पहले देखा कि देश के पश्चिमी छोर पर कितना बड़ा साइक्लोन आया। इसने कच्छ में कितना कुछ तहस नहस कर दिया। कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक तूफान का सामना किया, वो उतना ही महत्वपूर्ण।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 दशक के विनाशकारी भूकंप के बाद जिस कच्छ के बारे में कहा जाता था कि वो कभी नहीं उठ पाएगा, आज वही जिला देश के तेजी से विकसित होते जिलों में से एक है। मुझे विश्वास है कि साइक्लोन बीपरजॉय ने जो तबाही मचाई, उससे कच्छ के लोग जल्दी उबर जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन से कठिन-चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है। देश की इच्छाशक्ति से अभिभूत।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं है, लेकिन आपदा प्रबंधन की जो ताकत भारत ने वर्षों में विकसित की है, वह आज मिसाल बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है प्रकृति का संरक्षण।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर 'मन की बात' हर महीने के आखिरी रविवार को आपके पास आती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले हो रही है। आप सभी जानते हैं, मैं अगले हफ्ते अमेरिका में रहूंगा और वहां कार्यक्रम काफी व्यस्त होने वाला है, और इसलिए मैंने सोचा कि मैं जाने से पहले आपसे बात कर लूं, इससे बेहतर क्या हो सकता है।