संसद चाहेगी तो POK हमारी सीमा में होगा : सेना प्रमुख

शनिवार, 11 जनवरी 2020 (14:37 IST)
नई दिल्ली। थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सृजित करने को तीनों सैन्य बलों के एकीकरण की दिशा में ‘बहुत बड़ा कदम’ बताया और कहा कि सेना इसकी सफलता सुनिश्चित करेगी।
 
सेनाध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा ‘हर वक्त हमारा मार्गदर्शन’ करेगा। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।
 
जनरल नरवणे ने कहा कि प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा, जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा।
 
चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किए जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमने उत्तरी सीमा पर तैयारियों का पुनर्संतुलन प्रारंभ किया है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणाली की तैनाती शामिल हैं। 
 
पीओके के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जहां तक पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की बात है, इस पर कई साल पहले का एक संसदीय प्रस्ताव है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। अगर संसद चाहती है कि वह क्षेत्र भी हमसे संबंधित होना चाहिए, अगर हमें उस बारे में आदेश मिलता है, तो हम निश्चित रूप से इस पर कार्रवाई करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि सीडीएस का गठन और सैन्य मामलों के विभाग का गठन एकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम अपनी तरफ से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे।
 
ALSO READ: हमले से पहले 100 बार सोचेंगे आतंकी और उनके 'आका' : जनरल नरवणे
 
सेना प्रमुख ने कहा कि एकीकरण सेना के भीतर भी होगा और एकीकृत युद्ध समूह इसका एक उदाहरण है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एकीकरण की इस प्रक्रिया में हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। कोई भी पीछे नहीं रहेगा। सेना प्रमुख के इस बयान से कुछ दिन पहले ही जनरल विपिन रावत ने भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का पदभार संभाला है।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना एक पेशेवर बल है, जो शांतकाल में, नियंत्रण रेखा पर और युद्ध क्षेत्र में सर्वाधिक पेशेवर और नैतिक तरीके से खुद को संचालित करती है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी