कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मतदान शुरू, सोनिया, प्रियंका समेत कई नेताओं ने डाला वोट

सोमवार, 17 अक्टूबर 2022 (11:13 IST)
नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान आरंभ हो गया। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और जयराम रमेश ने भी वोट डाला।

बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में आमने-सामने हैं। इस चुनाव के बाद पार्टी को 24 से अधिक वर्षों में एक गैर-गांधी अध्यक्ष मिलना तय है। पार्टी मुख्यालय में चिदंबरम ने सबसे पहले मतदान किया। उनके बाद पार्टी महासचिव रमेश, अजय माकन और कई अन्य लोगों ने मतदान किया।

मतदान के बाद रमेश ने संवाददाताओं से कहा, "यह ऐतिहासिक मौका है। हमारे यहां स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से चुनाव हो रहा है।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस एकमात्र राजनीति दल है जहां अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होता है। हमारे यहां टी एन शेषन की तरह केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री हैं। किसी दूसरी पार्टी में चुनाव नहीं होता।"

कांग्रेस के करीब नौ हजार से अधिक निर्वाचक (डेलीगेट) आज यानी सोमवार को पार्टी प्रमुख चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। कांग्रेस मुख्यालय में पहला वोट पी. चिदंबरम ने डाला। मतदान एआईसीसी मुख्यालय के अलावा देशभर के 65 से अधिक मतदान केंद्रों में हो रहा है। कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए मतदान हो रहा है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। चुनाव के परिणाम की घोषणा 19 अक्टूबर को की जाएगी।

राहुल गांधी कर्नाटक के संगनाकल्लू में बल्लारी में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शिविर में लगभग 40 अन्य ‘भारत यात्रियों’ के साथ मतदान करेंगे। थरूर अपना मत तिरुवनंतपुरम में केरल कांग्रेस मुख्यालय में डालेंगे, जबकि खरगे बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस कार्यालय में मतदान करेंगे।

थरूर ने निर्वाचकों से ‘बदलाव अपनाने’ का साहस दिखाने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा था कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं उनमें पार्टी के ‘मूल्यों’ में कोई बदलाव नहीं होगा केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में परिवर्तन आएगा। थरूर ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा था, ‘हमारे जैसे बड़े संगठन में बदलाव को लेकर चिंताएं स्वाभाविक हैं, इसलिए मैं सीधे तौर पर इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिन में हमने जो बातचीत की हैं, मैंने महसूस किया कि आपमें से कई ने अभी तक अपना मन नहीं बनाया है (कि किसे वोट देना है)। मेरा मानना है कि मेरा विकेंद्रीकरण, आधुनिकीकरण और समावेश का संदेश आपको प्रभावित कर सकता है, लेकिन फिर भी आपके मन में परिवर्तन को लेकर चिंताएं और संकोच हैं।’’

वहीं खरगे ने रविवार को कहा था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई झिझक नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने काफी संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में बड़ा योगदान दिया है।

खरगे ने उनके अध्यक्ष बनने पर ‘रिमोट कंट्रोल’ गांधी परिवार के पास होने के सवाल पर कहा था, ‘वे (विपक्षी दल) ऐसी बातें कहते रहते हैं, क्योंकि कहने के लिए और कुछ नहीं है। भाजपा इस तरह के अभियान में शामिल है और अन्य लोग इसका अनुसरण करते हैं। सोनिया गांधी ने संगठन में 20 साल तक काम किया है। राहुल गांधी भी अध्यक्ष थे। उन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है और इसकी उन्नति के लिए अपनी ताकत लगाई है।’
Edited By Navin Rangiyal/ (भाषा)

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