सदन में प्रश्नकाल के दौरान सुले ने मराठा आरक्षण आंदोलन मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में इस कानून-व्यस्था का मुद्दा खड़ा हो गया और ऐसे में महाराष्ट्र सरकार को आंदोलनकारियों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र में अपने घोषणापत्र में मराठा और धनगर समुदायों को आरक्षण देने का वादा किया था।
राकांपा सदस्य ने कहा कि पहले भी मराठा समुदाय ने पहले भी आंदोलन किए और वे सभी आंदोलन शांतिपूर्ण रहे, लेकिन इस बार सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है और मीडिया के माध्यम से तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं।