लोकसभा में सजदा अहमद और प्रसून बनर्जी के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'विशिष्ट दायित्वों को पूरा करने के लिए समय-समय पर कुछ विख्यात व्यक्तियों को पहले भी लैटरल प्रविष्टि आधार पर नियुक्त किया जाता रहा है।'
उन्होंने इस संदर्भ में मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, विजय कोलकर, बिमल जालान, राकेश मोहन, अरविंद पनगढ़िया और अरविंद सुब्रमण्यम की अतीत में हुई नियुक्तियों का हवाला दिया।
मंत्री ने कहा, 'सीधी भर्तियों से सिविल सेवकों के मनोबल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।' हाल ही में सरकार ने संयुक्त सचिव पद के लिए सीधी भर्ती निकाली थी जिस पर विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे।