सेना या पुलिस के शब्दकोष में शहीद जैसा कोई शब्द नहीं

बुधवार, 30 मार्च 2022 (13:09 IST)
नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बल के जवान जब किसी मुठभेड़ या ऑपरेशन में राष्ट्र के लिए अपनी जान न्योछावर कर देते हैं तो आमतौर पर लोग शहीद कहकर उन्हें नमन करते हैं। हालांकि सेना या पुलिस के शब्दकोष में मार्टर या शहीद जैसा कोई शब्द है ही नहीं।
 
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद में स्पष्ट किया है कि संघर्ष या आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान जान गंवाने वाले सैनिकों के लिए ‘Martyr’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होता है। यह गलत है।
 
तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने सवाल किया था कि क्या सरकार ने ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले जवानों के लिए 'शहीद' शब्द का प्रयोग करना बंद कर दिया है। इसके जवाब में भट्ट ने यह बात कही।
 
पहले भी सरकारों ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि कार्रवाई के दौरान सशस्त्र बलों और गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्स (CAPF) में किसी भी कैजुअल्टी के लिए 'शहीद' शब्द का इस्तेमाल नहीं होता है।

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